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About Me

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Dear sir, Welcome You tube channel ( worldwide YouTube Channel) My name is Sandeep Kumar I am Graduate , Jaipur university, Rajasthan, India. I am leaving in Ahmedabad. I am Business man, my business name is GMR Enterprises. Thanks n Regards, Sandeep Kumar.

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Saturday, 25 May 2019

सुविचार

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
*संसार जरूरत के नियम पर चलता है,*
*सर्दियो में जिस सूरज का इंतजार होता है,*
*उसी सूरज का गर्मियों में तिरस्कार भी होता है।*
*"आप की कीमत तब होगी*  *जब आपकी जरुरत होगी..."*
*"थमती नहीं ज़िन्दगी कभी किसी के बिना, *लेकिन ये गुज़रती भी नहीं, अपनों के बिना.!"* 
*🌹💐शुभ प्रभात🌹💐*
*🙏🌹जय श्री कृष्णा 🌹🙏*

रिश्ते

🌴
💞 *रिश्ते कभी जिंदगी के*  
             *साथ साथ*
             *नहीं चलते..!!*
💞 *रिश्ते एक बार बनते है*
             *फिर जिंदगी*
      *रिश्तो के साथ साथ* 
        *चलती* *है*....!!!!

        🌹 *Good morning*🌹

Tuesday, 26 February 2019

भारतीय शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि





Thoughts

Take away negative thoughts and change it to positive thoughts. As what they said, a positive thought attracts positive things. Good morning!


Everything in life happens for a reason, If you know the reason, Then you will surely go ahead in life, Think ahead and stay focused, Good morning!

  Good morning is not just a word, it’s an action and a belief to live the entire day well. Morning is the time when you set the tone for the rest of the day. Set it right! Have A Nice Day!

The way you get out of bed will lay the foundation of the day that lies ahead. So wake up with a smile and walk out with a bounce in your step… you deserve it. Good morning.

Take up every morning with the thought that something wonderful is about to happen. Have a nice day!

Start by doing what's necessary; then do what's possible; and suddenly you are doing the impossible.
Good morning and Have a nice day.

 Thousands of candles can be lighted from a single candle, and the life of the candle will not be shortened. Happiness never decreases by being shared.
Good morning and have a nice day

Don’t wake up with the regret of what you couldn’t accomplish yesterday. Wake up while thinking about what you will be able to achieve today. Good morning.

 Morning is an important time of day, because how you spend your morning can often tell you what kind of day you are going to have.
Good morning and have a nice day
very morning comes with this promise – give the wings of effort to your dreams and your life will be full of bliss. Good morning

Monday, 25 February 2019

तुमने जवानों के खून से

*तुमने जवानों के खून से वैलेंटाइन डे का प्यार मनाया हे* 

*हम आतकंवादियों के भस्म से महा शिवरात्रि मनाएंगे ।।*

हर    हर    महादेव
*अब तांडव होगा ।*

धारा 370 क्या है ?

*🚩धारा 370 क्या है ? इसे हटाने के लिए देशभर में क्यों उठ रही है आवाज?*
#प्रताप

*🚩आज देशभर में आर्टिकल 370 और 35 ए को हटाने और कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के समतुल्य बनाने की मांग जोरों से हो रही है जिससे आतंकवाद और अलगाववाद पर लगाम लगाई जा सके, आज हम आपसे इसी धारा (370 और 35 ए) की बात करने जा रहे हैं ।*

*🚩आइये 370 और 35a सरल शब्दों में समझें:*

*आर्टिकल 370 और धारा 35 ए कश्मीर को अपना खुद का संविधान रखने, अपना खुद का ध्वज और खुद के कानून बनाने का अधिकार देते हैं, वैसे तो कश्मीर भारत का राज्य है उसे फंड भारत की सरकार उपलब्ध करवाती है परन्तु जो भारतीय संविधान व भारतीय कानून पूरे देश में लागू हैं वो कश्मीर में लागू नहीं होते जब तक कि कोई भी भारतीय संसद द्वारा निर्मित कानून कश्मीर की विधानसभा में पारित ना हो जाए ।*

*🚩भारतीय संविधान भारत के प्रत्येक नागरिक जिसमें कश्मीरी भी सम्मिलित हैं को अधिकार देता है कि वो भारत के किसी भी क्षेत्र में जाकर रह सकते हैं, रोजगार कर सकते हैं, संपत्ति क्रय और विक्रय कर सकते हैं, किंतु आर्टिकल 370 और 35 ए भारत के गैर कश्मीरी नागरिकों को इस अधिकार से वंचित रखता है, यानी भारत का कोई भी आम नागरिक ना तो कश्मीर में जाकर रह सकता है, ना संपत्ति खरीद सकता है, ना रोजगार कर सकता है, किंतु कश्मीरी नागरिक पूरे भारत में कहीं भी रह सकते हैं, संपत्ति खरीद सकते हैं और रोजगार कर सकते हैं, आर्टिकल 370 और 35 ए के अनुसार यदि कोई कश्मीरी लड़की किसी गैर कश्मीरी भारतीय से शादी कर ले तो उसकी कश्मीर की नागरिकता समाप्त हो जाती है, किंतु यदि कोई पाकिस्तानी पुरुष किसी कश्मीरी लड़की से शादी कर ले तो वह कश्मीर का नागरिक बन जाता है, अक्सर पाकिस्तान से आने वाले आतंकवादी कश्मीरी लड़कियों से शादी कर कश्मीर के नागरिक बन जाते हैं ।*

*🚩370 और 35a किसने बनवाई:*

*देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपने मित्र शेख अब्दुल्ला के आग्रह पर आर्टिकल 370 का और 35 ए को लागू करने का निर्णय किया था, किंतु नेहरू जब इस आर्टिकल 370 को संविधान सभा में लेकर गए और सबके सामने रखा तो एक भी व्यक्ति इसका समर्थन करने को तैयार नहीं था, और वहां यह पास ना हो सका, सरदार पटेल गृहमंत्री और उपप्रधानमंत्री थे और नेहरू ने सरदार पटेल से आग्रह किया कि आर्टिकल 370 को संविधान सभा से पास करा दीजिए, सरदार पटेल नहीं माने नेहरू ने सोचा कि कांग्रेस कार्यसमिति के अधिकांश लोग तो संविधान सभा के भी सदस्य हैं, यदि यह कांग्रेस की कार्यसमिति से पास हो गया तो फिर हम संविधान सभा से भी इसे पास करा सकते हैं, किंतु जब प्रस्ताव कांग्रेस कार्यसमिति के सामने रखा गया तो कांग्रेस की कार्यसमिति ने भी एक स्वर से इसका विरोध किया कि ऐसा संभव नहीं है ।*

*🚩अब नेहरू के मित्र शेख अब्दुल्ला पुनः विलाप करते हुए नेहरू के पास गये और नेहरू ने इस बार गोपाल स्वामी आयंगर को निर्देश दिया कि आप यह आर्टिकल 370 संविधान सभा में पास करवाएंगे और पटेल से कहा कि इसके लिए जो भी करना पड़े वह कीजिए ।*

*🚩गोपाल स्वामी आयंगर ने स्पष्ट कहा कि “ ठीक है मैं यह कर देता हूं, किंतु यह गलत है और भविष्य में आपको पछताना पड़ेगा”,*
*वी पी मेनन ने भी यह अपनी बायोग्राफी में लिखा है कि “मैं मना करता रहा, लेकिन क्योंकि प्रधानमंत्री नेहरू के आदेश का पालन करना था इसलिए मैंने यह किया”*
*लेकिन इस कानून की गंभीरता और दुष्परिणाम को समझते हुए उन्होंने उस आर्टिकल 370 में क्लॉज़ डाल दिया कि यह एक अस्थाई यानी टेंपरेरी धारा है और आगे चलकर आर्टिकल 370 को हटा दिया जाएगा, किंतु आज तक 370 जस की तस बनी हुई है, उसी धारा के आधार पर कश्मीर में अन्य कानून बन रहे हैं परन्तु यह धारा 70 साल से अस्थाई है ।*

*🚩370 और 371 का अंतर:*

*कुछ लोग इसके पक्ष में तर्क देते हुए कहते हैं कि धारा 371 भी तो है, 371 ए भी है, 371 बी भी है नागालैंड, मिजोरम और हिमाचल भी है, किंतु मैं यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि उन धाराओं में और इस धारा 370 में बहुत अंतर है, और वह यह है कि भारत की कोई भी अन्य धारा राज्य को भारतीय संसद के अधिकार क्षेत्र से बाहर नहीं रखती, किंतु धारा 370 कश्मीर को भारतीय संसद के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखती है, यानी भारत की संसद कश्मीर के विषय में कोई भी कानून बनाने में अक्षम है और उसका कारण धारा 370 है, भारतीय संसद देश के प्रत्येक राज्य के लिए कानून बना सकता है किंतु कश्मीर के लिए नहीं ।*

*🚩35 ए के अंतर्गत कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को ही विकृत कर दिया गया है, कश्मीर में ऐसे लाखों लोग हैं जो कि लोकसभा के लिए तो वोट दे सकते हैं किंतु विधानसभा के लिए नहीं, उनके बच्चे सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ सकते सरकारी नौकरियां नहीं कर सकते, सरकारी वजीफे सरकारी स्कॉलरशिप नहीं ले सकते, क्योंकि धारा 370 और 35 ए यह तय करते हैं कि कश्मीर का नागरिक कौन है, इसका दुष्परिणाम यह हुआ की भारतीय लोकतंत्र के अंतर्गत आने वाला कश्मीर एक अलग थलग टापू के समान हो गया जो पूरे देश से एकदम अलग तरीके से विकसित हुआ, जो किसी भी रुप में भारत के अन्य नागरिकों के प्रति एक सा व्यवहार नहीं करता ।*

*🚩धारा 370 और 35 ए के कारण कश्मीर भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसका अपना खुद का संविधान है, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कश्मीर ने एक संविधान सभा बनाकर स्वयं को 1956 में एक संविधान दिया, और उस कश्मीरी संविधान में फंडामेंटल राइट्स का नाम तक नहीं है, भारत के संविधान में आर्टिकल 25 से लेकर आर्टिकल 30 तक माइनॉरिटीज को वह अधिकार दिए गए हैं जो कि मेजोरिटी के पास भी नहीं है, किंतु कश्मीर के संविधान में कहीं माइनॉरिटी शब्द ही नहीं आता है, यानी की पूरे कश्मीर में 1% की आबादी वाली हिंदू जनसंख्या को कश्मीर में माइनॉरिटी नहीं बल्कि मेजोरिटी माना जाता है और 99% की आबादी वाले मुस्लिम वहां माइनॉरिटी स्टेटस का लाभ ले रहे हैं ।*

*🚩यह कश्मीर के विकृत संविधान की स्थिति है, इन बातों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया, कभी इस पर बहस नहीं हुई, जब 35 ए संविधान में लाया गया तो भारतीय संसद तक को अंधेरे में रखा और जानकारी नहीं दी गई, संविधान की प्रतियों में 35 ए प्रिंट तक नहीं होता है, उसका कहीं उल्लेख भी नहीं होता, क़ानूनविदों और जजों को जानकारी तक नहीं कि 35ए संविधान की ही एक धारा है, और अब जाकर सर्वोच्च न्यायालय में इस 35 ए पर विचार चल रहा है कि यह कब आई ? कैसे आई ?  क्यों आई ? कौन लाया? किसने लागू किया ? और क्या यह न्याय सम्मत और कानून सम्मत है भी कि नहीं?*

*🚩आतंकवादियों को सेलरी:*

*आपको जानकर आश्चर्य होगा की यदि कोई वीर जवान आतंकियों से लड़ते हुए कश्मीर में मारा जाता है तो कश्मीर सरकार से उसके घरवालों को एक पैसा तक नहीं मिलता, किंतु कश्मीर की सरकार हर महीने ₹2000 का वजीफा उनको देती है जो रिफ़ॉर्म मिलिटेंट हैं अर्थात आतंकवाद का मार्ग छोड़कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से वापस आए हैं और कश्मीर सरकार की तरफ से उन्हें घर नौकरी और वजीफा मिलता है ।*

*🚩एक नियम है कि यदि कोई सरकारी अफसर सरकारी नौकरी करते समय मृत्यु को प्राप्त हो जाता है तो सरकार उसके घरवालों को सरकारी नौकरी देती है, कश्मीर में इसको संशोधित करके यह नियम बना दिया गया कि यदि कश्मीर में कोई आतंकवादी मरता है तो कश्मीर सरकार उसके परिवार वालों को नौकरी देगी ।*

*🚩भारत की केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा पैसा आतंकवादियों के घरवालों को दिया जाता है, अलगाववादी नेता जो हुर्रियत के सदस्य हैं और भारत विरोधी हैं जिसमें सैयद अली शाह गिलानी, यासीन मलिक, मीरवाइज उमर फारूक, आसिया अंद्राबी सम्मिलित हैं उनको सुरक्षा, गुजारा भत्ता, उनका इलाज, उनकी विदेश यात्राएं और वहां पर उनका खर्चा, ये सब कश्मीर की सरकार उठाती है, यानी केंद्र सरकार से आ रहा फंड उनपर खर्च होता है जो भारत की केंद्र सरकार के विरुद्ध जाकर भारत के दुश्मन पाकिस्तान का पक्ष लेते हैं ।*

*🚩यह पैसा भारतीय जनता की मेहनत के टैक्स का है जो भारत की जनता के दुश्मनों पर खर्च हो रहा है, और वह इसलिए हो रहा है क्योंकि भारतीय संसद के कानून कश्मीर में लागू नहीं होते और कश्मीर की सरकार केंद्र से आने वाले धन का इस्तेमाल अपनी इच्छा अनुसार कर सकती है ।*

*🚩आप स्वयं विचार करिए कि भारतीय सेना कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ती है और कश्मीर का संविधान आर्टिकल 370 धारा 35 ए कश्मीर के संविधान को यह शक्ति देती है कि वह भारत और भारतीय सेना के विरुद्ध लोगों को भड़काकर आतंकवादी बनवाने वाले अलगाववादियों का भरण-पोषण करे,*
*और यह पूरी स्थिति देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अदूरदर्शिता के कारण है जिन्होंने अपने मित्र शेख अब्दुल्ला के हितों को साधने के लिए असंवैधानिक तरीके से आर्टिकल 370 और 35 ए जैसे कानून बनवाये और करोड़ों भारतवासियों के जीवन को नर्क बना दिया ।*

*🚩पुलवामा हमले से देशभर की जनता में रोष है इसलिए 370 ओर 35a हटाने की मांग कर रहे हैं इसलिए सरकार को अनुकूल समय देखकर तुरंत हटा देना चाहिए ।*

Friday, 28 September 2018

"गर्मी में रखें सेहत का ध्यान"




गर्मी में रखें सेहत का ध्यान:-

गर्मियों की तपिश सेहत को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। इस मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं, गर्मी में कई मौते गर्मी तरंगों के कारण निर्जलीकरण के कारण होती हैं।

गर्मियों की तपिश सेहत को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। इस मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं और कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनसे पीडि़त लोगों को इस मौसम में खास तौर पर एहतियात बरतनी चाहिए।
ऐसी ही 6 स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी जानकारियां और उनसे बचाव के उपाय

हीट स्ट्रोक

मौसम के अधिक तापमान और गर्म हवाओं का सीधा असर हमारे नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इससे गर्मियों में अकसर हीट स्ट्रोक की समस्या हो जाती है, जिसे बोलचाल की भाषा में लू लगना भी कहा जाता है


 लक्षण:-

अनावश्यक थकान एवं कमजोरी
सिर और हाथ-पैरों में तेज दर्द
जी मिचलाना और उल्टियां आना
तेज बुखार या शरीर का ठंडा पड़ जाना
नाड़ी की अत्यधिक तेज गति
चक्कर आना और बेहोशी

बचाव:-

इस मौसम में शरीर से पसीना बहुत ज्यादा निकलता है। जिसके कारण पानी की कमी हो जाती है। इसलिए तरल पदार्थो जैसे- कच्चे आम का पना, जूस, छाछ, लस्सी, मिल्क शेक और नीबू की शिकंजी का भरपूर मात्रा में सेवन करें। जब शरीर में पानी की मात्रा अधिक होगी तो बाहर के तापमान का कम असर होगा।

गर्मियों में हमेशा दस-पंद्रह दिन ऐसे होते हैं, जब तापमान बहुत अधिक होता है और शाम सात बजे तक गर्म हवाएं चलती हैं। ऐसे में जब तक बहुत जरूरी न हो, धूप में घर से बाहर न निकलें और बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखे

हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए बाहर निकलते समय ढीले, आरामदेह और सूती कपड़े पहनें।
कैप या छतरी का इस्तेमाल जरूर करें।
दोपहर के वक्त बाहर से वापस लौटने के तुरंत बाद एसी वाले कमरे में न बैठें और न ही ठंडा पानी पीएं।

त्वचा संबंधी समस्याएं:-

त्वचा शरीर का ऐसा हिस्सा है, जो मौसम से सबसे अधिक प्रभावित होता है। गर्मी के मौसम का तेज तापमान और पसीने की नमी त्वचा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। इस मौसम में पसीने, धूल और मृत त्वचा के मिश्रण की वजह से चेहरे पर एक्ने और पेट, कमर आदि पर बैक्ने की समस्या हो जाती है। इस मौसम में गालों, ठोढ़ी और माथे पर चकलेदार निशान बन जाते हैं। साथ ही शरीर के खुले हिस्सों पर टैनिंग की भी समस्या हो जाती है, जिससे त्वचा की रंगत काली पड़ जाती है।

बचाव:-

टैनिंग से बचने के लिए जहां तक संभव हो धूप में निकलने से बचें और अच्छी क्वॉलिटी के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें।
गर्मियों के उमस भरे मौसम में घमौरियां भी बहुत परेशान करती हैं। इससे बचने के लिए नहाने के पानी में एक ढक्कन यूडी कोलन मिलाएं और हलके सूती कपड़े पहनें। प्रभावित त्वचा पर बर्फ के टुकडे़ रगड़ने और प्रिक्ली हीट पाउडर लगाने से भी घमौरियां दूर हो जाती हैं।
इस मौसम में ज्यादा पसीना निकलने की वजह से तलवों की त्वचा में फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। इसलिए अगर आप कवर्ड शूज पहनती हैं तो पहनने से पहले ऑब्जर्व पाउडर और अच्छी क्वॉलिटी के डियोड्रंट का भी तलवों पर स्प्रे करते हुए इस्तेमाल कर सकती हैं।


यूटीआई:-

अत्यधिक गर्मी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इस वजह से लोगों को और खास तौर से स्त्रियों को यूटीआई की समस्या हो जाती है।
लक्षण - यूरिन में जलन, प्राइवेट पा‌र्ट्स में खुाजली, दर्द, थोड़ा-थोड़ा यूरिन डिस्चार्ज होना, यूरिन का रंग पीला होना और ज्यादा दुर्गध आना, कंपकपाहट के साथ बुखार, भूख न लगना, कमजोरी और थकान।

बचाव:-

बाहर खुले में बिकने वाली चीजें न खाएं। क्योंकि खून में होने वाला इन्फेक्शन यूरिन तक पहुंचकर यूटीआई का कारण बन जाता है।
टॉयलेट और इनरवेयर की सफाई का पूरा ध्यान रखें। खास तौर से पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से पहले और बाद में फ्लश का इस्तेमाल जरूर करें।
ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करें।
इस मौसम में पसीने की वजह से स्त्रियों में वजाइनल इन्फेक्शन की भी समस्या हो जाती है। आमतौर पर इस तरह के संक्रमण में वजाइना से सफेद रंग के तरल पदार्थ का डिस्चार्ज होता है।
इस मौसम में स्विमिंग पूल के क्लोरीन युक्त पानी की वजह से भी कभी-कभी यह संक्रमण हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए स्विमिंग के बाद व्यक्तिगत सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें और कॉटन के इनरवेयर का इस्तेमाल करें।
अगर ऐसा कोई लक्षण दिखाई दे तो बिना देर किए किसी कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
लो ब्लडप्रेशर
जिन लोगों का ब्लडप्रेशर आमतौर पर सामान्य या कम रहता है, अकसर इस मौसम में ऐसे लोगों में लो ब्लडप्रेशर के लक्षण और अधिक दिखाई देने लगते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि केवल लो ब्लडप्रेशर वाले लोगों को ही यह समस्या हो, हाई ब्लडप्रेशर वालों का रक्तचाप भी इस मौसम में गिर जाता है। इसलिए गर्मियों में सभी को सतर्क रहना चाहिए।

 लक्षण:-

आंखों के सामने अंधेरा छाना
दिल की धड़कन और नाड़ी की गति का धीमा पड़ना
बेहोशी
सिरदर्द
अनावश्यक थकान और कमजोरी

बचाव:-

नमक के साथ ताजे फलों का जूस लें।
काजू, बादाम के अलावा अधिक कैलरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे-चीज, मक्खन आदि का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
थोड़ी देर के लिए आराम करना भी रक्तचाप को सही अवस्था में वापस लाने में कारगर साबित होता है।


डायरिया:-

गर्मियों में मक्खियों और बैक्टीरिया की वजह से अकसर लोगों की आंतों में इन्फेक्शन हो जाता है, जिसे डायरिया या कोलाइटिस के नाम से जाना जाता है।

 लक्षण:-

लूज मोशन, पेट में दर्द और उल्टियां आना
कमजोरी और कंपकंपी के साथ बुखार
गला सूखना और शरीर में पानी की कमी की वजह से त्वचा का ढीला पड़ जाना आदि।

बचाव:-

बासी और बाहर खुले में बिकने वाली चीजें, खास तौर से कटे फल और जूस आदि के सेवन से बचें।
अगर डायरिया की समस्या हो तो अधिक से अधिक तरल पदार्थो जैसे-छाछ, लस्सी, नीबू की शिकंजी, घर में तैयार ताजे जूस आदि का सेवन करें।
हल्का और सुपाच्य भोजन करें। इस बात का ध्यान रखें कि शरीर में पानी की कमी न होने पाए।
हर एक घंटे के अंतराल पर चीनी-नमक का घोल पीना भी बहुत जरूरी है। अगर इसके बाद भी सेहत में सुधार न आए तो बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लें क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने के कारण यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है।

माइग्रेन:-

जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, उन्हें गर्मियों में खास तौर से सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि गर्म तापमान इसे बढ़ा देता है।

 लक्षण:-

सिर के आधे हिस्से में तेज दर्द और उल्टियां आना
हलकी सी आवाज, रौशनी या किसी भी तरह की गंध से दर्द का बढ़ जाना, भोजन में अरुचि और अनिद्रा

बचाव:-

अपने बेडरूम की खिड़कियों और दरवाजों पर हमेशा गहरे रंगों के भारी परदे डाल कर रखें।
बाहर निकलते समय सनग्लास पहनें और सिर ढंक कर रखें। अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह पर बताई गई दवा जरूर लें।

गर्मी के महीने में होने वाली बीमारियां:-

गर्मी में कई मौते गर्मी तरंगों के कारण निर्जलीकरण के कारण होती हैं। गर्मी  उच्च गर्मी सूर्य तरंगों का सबसे घातक और चरम मौसम है। इसलिए, इस मौसम के समय अच्छी तरह से हाइड्रेटेड(जलीय चीजें पीते) रहना चाहिए। वर्ष के चार सत्रों में गर्मियों का समय ग्रीष्म ऋतू सबसे गर्म मौसम है। इस मौसम में अत्यधिक तापमान और शुष्क मौसम रहता है, जिसमें हिंसक मानसून जो कि मृत्यु दर बढ़ने का कारण बनता है। इस मौसम के समय ऊष्मीय तापमान की वजह से मौसम गर्म रहता है जिससे कुछ क्षेत्रों में कम पानी की आपूर्ति,  कमी या पूरी तरह से पानी की कमी हो जाती है। तापमान में गर्मी की ऊँची और बढ़ती तरंगें इस मौसम को काफी गर्म बनाते हैं, जो दोनों लोगों, वन्यजीवों और व्यक्तियों के लिए  समस्याओं को पैदा करती है।

गर्मी में कई मौते (लोग या जानवर) गर्मी तरंगों के कारण निर्जलीकरण के कारण होती हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, गर्मी  उच्च गर्मी सूर्य तरंगों का सबसे घातक और चरम मौसम है। इसलिए, इस मौसम के समय अच्छी तरह से हाइड्रेटेड(जलीय चीजें पीते) रहना चाहिए। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के फूड एंड न्यूट्रिशन बोर्ड के मुताबिक, महिलाओं को सामान्य रूप से 2.7 लीटर पानी और 3.7 लीटर गर्मियों में दैनिक आधार पर लेना चाहिए। हालांकि, ज्यादा मेहनत करने वाले लोगों को सामान्य से अधिक पानी पीना चाहिए।

यह एन ओ ए ए के नेशनल क्लाइमेटिक डाटा सेंटर द्वारा दर्ज किया गया है कि वर्ष 2014 गर्मियों में सबसे गर्म था। नासा(NASA) के अनुसार, वातावरण की गर्मी साल दर साल बड़ती जा रही है। यह मानव निर्मित ग्लोबल वार्मिंग है अर्थात् ये मानव द्वारा ही किया जा रहा है। और, मानो ऐसा लगता है कि यह बढ़ता तापमान जल्द ही एक गर्मी की दुनिया बना लेगा जो कि पुरे साल रहेगी ।

जैसा कि हम एक इंसान हैं, जो कि  ईश्वर की सबसे बुद्धिमान संरचना है,  हमें इस बढ़ते तापमान पर सकारात्मक सोच और सकारात्मक कार्य करना चाहिए। हमें सभी आरामदायक संसाधनों का उपयोग करके गर्मियों के मौसम का आनंद लेना चाहिए, हालांकि हमें सीमा पार नहीं करनी चाहिए। हमें सीमा के भीतर रहकर आनंद लेना चाहिए और हमेशा पानी और बिजली की बचत करना चाहिए। हमें पानी और बिजली बर्बाद नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस पृथ्वी पर साफ पानी का बहुत कम प्रतिशत है और बिजली का अनावश्यक उपयोग ग्लोबल वार्मिंग का एक बहुत बड़ा कारण है।


मौसमी बिमारियां:-

गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और शुरू हो गई हैं बीमारियां भीं. आमतौर पर गर्मी में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, फ्लू, चिकन पॉक्स, डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं, मौसमी बिमारियां (Seasonal Health Problems) ज्यादातर संबंधित मौसम में देखने को मिलती हैं। उदाहरण के तौर पर जहां गर्मी के दिनों में लू लगना, डिहाइड्रेशन, घमौरी, स्किन बर्न, आदि समस्यायें देखने को मिलती है, वहीं सर्दियों में ठंढ लगना, निमोनिया, सर्दी-जुकाम, वायरल-फीवर, आदि बिमारियों से संक्रमित लोग आसानी से देखे जा सकते हैं। मौसमी बिमारियों से बचने के लिए सर्वेश्रेष्ठ उपाय है तेज मौसम (कड़ी धूप या तेज ठंढ) में एहतियात बरतना।

गर्मी में होने वाली बीमारियां:-

– गर्मी में शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इससे डि-हाइड्रेशन होता है. इसके होने के अन्‍य कारणों में ज्यादा व्यायाम, डायरिया, उल्टी, बुखार या ज्यादा पसीना भी होता है
– इस मौसम में लोग चिकनपॉक्स और मीजल्स से परेशान होते हैं. डॉक्‍टर्स कहते हैं कि इनके कई मामले सामने आते हैं
– यूरीन इन्‍फेक्‍शन भी लोगों को परेशान करने लगता है, महिलाओं को अक्सर पता नहीं चलता कि उनमें पानी की कमी हो रही है और पानी न पीने से संक्रमण होता है


क्‍या करें इस मौसम में:-

– डॉक्‍टर कहते हैं कि गर्मी में भी पानी उबालकर पीना चाहिए, क्योंकि पानी की गुणवत्ता में कमी हो जाती है. पानी में अगर ऑर्सेनिक, जंग, कीटनाशक आदि हो तो उसे पीने से डायरिया, हैजा, टायफायड वगैरह हो सकता है
– प्‍यास ना भी लगे, तो भी पानी पीना चाहिए
– जंक फूड और सड़क किनारे से कुछ खरीदकर खाने से बचना चाहिए
गर्मी के दिनों में पाचन की समस्‍या पैदा हो जाती है और कई दिनों तक पेरशानी पैदा हो जाती है। कई लोगों की भूख खतम हो जाती है तो कई लोगों के शरीर में पानी की कमी होने के कारण उन्‍हें डीहाइड्रेशन हो जाता है। अगर आपको डीहाइड्रेशन हो जाता है तो खाने पीने में भी परेशानी हो जाती है। गर्मियों के दिनों में अगर तला भूना या फिर मसालेदार खाना खा लिया तो पेट खराब हो जाता है। तो ऐसे में गर्मी के मौसम मे पेट की बीमारी से बचने के लिये क्‍या क्‍या उपाय किये जा सकते हैं, इसके बारे में हम आपको कुछ जानकारियां देगें।

पेट की बीमारी से बचने के लिये :-

कम खाएं- गर्मियों में भूख से थोड़ा कम ही खाइये। इस दौरान सिस्‍टम थोड़ा संवेदनशील हो जाता है तो थोड़ी थोड़ी देर पर खाएं न कि इकठ्ठा एक साथ। इससे पाचन क्रिया सही ढंग से होगी और आपको जल्‍दी भूख भी नहीं लगेगी। इस समय हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां और ताजे फल खाइये, जो कि आसानी से पच जाए।
खूब पीजिये- कई लोग गर्मियों में ज्‍यादा पानी नहीं पीते। पसीने की वजह से शरीर का सारा पानी निकल जाता है तो इसलिये डीहाइड्रेशन से बचने के लिये खूब सारा पानी पीजिये और फलो का रस पीजिये। कोल्‍ड्रिक का कम सेवन कीजिये।

मसालेदार भोजन से बचे:-गर्मी में पाचन क्रिया धीमी हो जाने के कारण ज्‍यादा तला भुना और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिये। इस समय आपको बीन्‍स, गाजर, स्‍प्राउ्स आदि खाने चाहिये जिससे आप का पेट साफ रहे और मजबूत रहे।

जूसी फ्रूट:- अपनी डाइट में टमाटर, सेब, खीरा, शकरकंद, तरबूज, सूरन और खरबूजा शामिल करें।

पाचन के लिये मसाले और बूटियां खाएं- अपनी पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिये धनिया, मेथी, सौंफ , दालचीनी, अदरक, जीरा आदि अपने आहार में शामिल करें।


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