Account ID: pub-2276572159567559 Client ID: ca-pub-2276572159567559 Worldwide: September 2018 Account ID: pub-2276572159567if559 Client ID: ca-pub-2276572159567559

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Dear sir, Welcome You tube channel ( worldwide YouTube Channel) My name is Sandeep Kumar I am Graduate , Jaipur university, Rajasthan, India. I am leaving in Ahmedabad. I am Business man, my business name is GMR Enterprises. Thanks n Regards, Sandeep Kumar.

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Friday, 28 September 2018

"गर्मी में रखें सेहत का ध्यान"




गर्मी में रखें सेहत का ध्यान:-

गर्मियों की तपिश सेहत को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। इस मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं, गर्मी में कई मौते गर्मी तरंगों के कारण निर्जलीकरण के कारण होती हैं।

गर्मियों की तपिश सेहत को बहुत ज्यादा प्रभावित करती है। इस मौसम में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हमें परेशान करने लगती हैं और कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनसे पीडि़त लोगों को इस मौसम में खास तौर पर एहतियात बरतनी चाहिए।
ऐसी ही 6 स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी जानकारियां और उनसे बचाव के उपाय

हीट स्ट्रोक

मौसम के अधिक तापमान और गर्म हवाओं का सीधा असर हमारे नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इससे गर्मियों में अकसर हीट स्ट्रोक की समस्या हो जाती है, जिसे बोलचाल की भाषा में लू लगना भी कहा जाता है


 लक्षण:-

अनावश्यक थकान एवं कमजोरी
सिर और हाथ-पैरों में तेज दर्द
जी मिचलाना और उल्टियां आना
तेज बुखार या शरीर का ठंडा पड़ जाना
नाड़ी की अत्यधिक तेज गति
चक्कर आना और बेहोशी

बचाव:-

इस मौसम में शरीर से पसीना बहुत ज्यादा निकलता है। जिसके कारण पानी की कमी हो जाती है। इसलिए तरल पदार्थो जैसे- कच्चे आम का पना, जूस, छाछ, लस्सी, मिल्क शेक और नीबू की शिकंजी का भरपूर मात्रा में सेवन करें। जब शरीर में पानी की मात्रा अधिक होगी तो बाहर के तापमान का कम असर होगा।

गर्मियों में हमेशा दस-पंद्रह दिन ऐसे होते हैं, जब तापमान बहुत अधिक होता है और शाम सात बजे तक गर्म हवाएं चलती हैं। ऐसे में जब तक बहुत जरूरी न हो, धूप में घर से बाहर न निकलें और बच्चों का विशेष रूप से ध्यान रखे

हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए बाहर निकलते समय ढीले, आरामदेह और सूती कपड़े पहनें।
कैप या छतरी का इस्तेमाल जरूर करें।
दोपहर के वक्त बाहर से वापस लौटने के तुरंत बाद एसी वाले कमरे में न बैठें और न ही ठंडा पानी पीएं।

त्वचा संबंधी समस्याएं:-

त्वचा शरीर का ऐसा हिस्सा है, जो मौसम से सबसे अधिक प्रभावित होता है। गर्मी के मौसम का तेज तापमान और पसीने की नमी त्वचा को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। इस मौसम में पसीने, धूल और मृत त्वचा के मिश्रण की वजह से चेहरे पर एक्ने और पेट, कमर आदि पर बैक्ने की समस्या हो जाती है। इस मौसम में गालों, ठोढ़ी और माथे पर चकलेदार निशान बन जाते हैं। साथ ही शरीर के खुले हिस्सों पर टैनिंग की भी समस्या हो जाती है, जिससे त्वचा की रंगत काली पड़ जाती है।

बचाव:-

टैनिंग से बचने के लिए जहां तक संभव हो धूप में निकलने से बचें और अच्छी क्वॉलिटी के सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। फुल स्लीव्स के कपड़े पहनें।
गर्मियों के उमस भरे मौसम में घमौरियां भी बहुत परेशान करती हैं। इससे बचने के लिए नहाने के पानी में एक ढक्कन यूडी कोलन मिलाएं और हलके सूती कपड़े पहनें। प्रभावित त्वचा पर बर्फ के टुकडे़ रगड़ने और प्रिक्ली हीट पाउडर लगाने से भी घमौरियां दूर हो जाती हैं।
इस मौसम में ज्यादा पसीना निकलने की वजह से तलवों की त्वचा में फंगल इन्फेक्शन हो जाता है। इसलिए अगर आप कवर्ड शूज पहनती हैं तो पहनने से पहले ऑब्जर्व पाउडर और अच्छी क्वॉलिटी के डियोड्रंट का भी तलवों पर स्प्रे करते हुए इस्तेमाल कर सकती हैं।


यूटीआई:-

अत्यधिक गर्मी की वजह से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इस वजह से लोगों को और खास तौर से स्त्रियों को यूटीआई की समस्या हो जाती है।
लक्षण - यूरिन में जलन, प्राइवेट पा‌र्ट्स में खुाजली, दर्द, थोड़ा-थोड़ा यूरिन डिस्चार्ज होना, यूरिन का रंग पीला होना और ज्यादा दुर्गध आना, कंपकपाहट के साथ बुखार, भूख न लगना, कमजोरी और थकान।

बचाव:-

बाहर खुले में बिकने वाली चीजें न खाएं। क्योंकि खून में होने वाला इन्फेक्शन यूरिन तक पहुंचकर यूटीआई का कारण बन जाता है।
टॉयलेट और इनरवेयर की सफाई का पूरा ध्यान रखें। खास तौर से पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से पहले और बाद में फ्लश का इस्तेमाल जरूर करें।
ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थो का सेवन करें।
इस मौसम में पसीने की वजह से स्त्रियों में वजाइनल इन्फेक्शन की भी समस्या हो जाती है। आमतौर पर इस तरह के संक्रमण में वजाइना से सफेद रंग के तरल पदार्थ का डिस्चार्ज होता है।
इस मौसम में स्विमिंग पूल के क्लोरीन युक्त पानी की वजह से भी कभी-कभी यह संक्रमण हो जाता है। इस समस्या से बचने के लिए स्विमिंग के बाद व्यक्तिगत सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें और कॉटन के इनरवेयर का इस्तेमाल करें।
अगर ऐसा कोई लक्षण दिखाई दे तो बिना देर किए किसी कुशल स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
लो ब्लडप्रेशर
जिन लोगों का ब्लडप्रेशर आमतौर पर सामान्य या कम रहता है, अकसर इस मौसम में ऐसे लोगों में लो ब्लडप्रेशर के लक्षण और अधिक दिखाई देने लगते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं है कि केवल लो ब्लडप्रेशर वाले लोगों को ही यह समस्या हो, हाई ब्लडप्रेशर वालों का रक्तचाप भी इस मौसम में गिर जाता है। इसलिए गर्मियों में सभी को सतर्क रहना चाहिए।

 लक्षण:-

आंखों के सामने अंधेरा छाना
दिल की धड़कन और नाड़ी की गति का धीमा पड़ना
बेहोशी
सिरदर्द
अनावश्यक थकान और कमजोरी

बचाव:-

नमक के साथ ताजे फलों का जूस लें।
काजू, बादाम के अलावा अधिक कैलरी वाले खाद्य पदार्थ जैसे-चीज, मक्खन आदि का सेवन फायदेमंद साबित होता है।
थोड़ी देर के लिए आराम करना भी रक्तचाप को सही अवस्था में वापस लाने में कारगर साबित होता है।


डायरिया:-

गर्मियों में मक्खियों और बैक्टीरिया की वजह से अकसर लोगों की आंतों में इन्फेक्शन हो जाता है, जिसे डायरिया या कोलाइटिस के नाम से जाना जाता है।

 लक्षण:-

लूज मोशन, पेट में दर्द और उल्टियां आना
कमजोरी और कंपकंपी के साथ बुखार
गला सूखना और शरीर में पानी की कमी की वजह से त्वचा का ढीला पड़ जाना आदि।

बचाव:-

बासी और बाहर खुले में बिकने वाली चीजें, खास तौर से कटे फल और जूस आदि के सेवन से बचें।
अगर डायरिया की समस्या हो तो अधिक से अधिक तरल पदार्थो जैसे-छाछ, लस्सी, नीबू की शिकंजी, घर में तैयार ताजे जूस आदि का सेवन करें।
हल्का और सुपाच्य भोजन करें। इस बात का ध्यान रखें कि शरीर में पानी की कमी न होने पाए।
हर एक घंटे के अंतराल पर चीनी-नमक का घोल पीना भी बहुत जरूरी है। अगर इसके बाद भी सेहत में सुधार न आए तो बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लें क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने के कारण यह समस्या जानलेवा भी साबित हो सकती है।

माइग्रेन:-

जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है, उन्हें गर्मियों में खास तौर से सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि गर्म तापमान इसे बढ़ा देता है।

 लक्षण:-

सिर के आधे हिस्से में तेज दर्द और उल्टियां आना
हलकी सी आवाज, रौशनी या किसी भी तरह की गंध से दर्द का बढ़ जाना, भोजन में अरुचि और अनिद्रा

बचाव:-

अपने बेडरूम की खिड़कियों और दरवाजों पर हमेशा गहरे रंगों के भारी परदे डाल कर रखें।
बाहर निकलते समय सनग्लास पहनें और सिर ढंक कर रखें। अगर दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर की सलाह पर बताई गई दवा जरूर लें।

गर्मी के महीने में होने वाली बीमारियां:-

गर्मी में कई मौते गर्मी तरंगों के कारण निर्जलीकरण के कारण होती हैं। गर्मी  उच्च गर्मी सूर्य तरंगों का सबसे घातक और चरम मौसम है। इसलिए, इस मौसम के समय अच्छी तरह से हाइड्रेटेड(जलीय चीजें पीते) रहना चाहिए। वर्ष के चार सत्रों में गर्मियों का समय ग्रीष्म ऋतू सबसे गर्म मौसम है। इस मौसम में अत्यधिक तापमान और शुष्क मौसम रहता है, जिसमें हिंसक मानसून जो कि मृत्यु दर बढ़ने का कारण बनता है। इस मौसम के समय ऊष्मीय तापमान की वजह से मौसम गर्म रहता है जिससे कुछ क्षेत्रों में कम पानी की आपूर्ति,  कमी या पूरी तरह से पानी की कमी हो जाती है। तापमान में गर्मी की ऊँची और बढ़ती तरंगें इस मौसम को काफी गर्म बनाते हैं, जो दोनों लोगों, वन्यजीवों और व्यक्तियों के लिए  समस्याओं को पैदा करती है।

गर्मी में कई मौते (लोग या जानवर) गर्मी तरंगों के कारण निर्जलीकरण के कारण होती हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, गर्मी  उच्च गर्मी सूर्य तरंगों का सबसे घातक और चरम मौसम है। इसलिए, इस मौसम के समय अच्छी तरह से हाइड्रेटेड(जलीय चीजें पीते) रहना चाहिए। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के फूड एंड न्यूट्रिशन बोर्ड के मुताबिक, महिलाओं को सामान्य रूप से 2.7 लीटर पानी और 3.7 लीटर गर्मियों में दैनिक आधार पर लेना चाहिए। हालांकि, ज्यादा मेहनत करने वाले लोगों को सामान्य से अधिक पानी पीना चाहिए।

यह एन ओ ए ए के नेशनल क्लाइमेटिक डाटा सेंटर द्वारा दर्ज किया गया है कि वर्ष 2014 गर्मियों में सबसे गर्म था। नासा(NASA) के अनुसार, वातावरण की गर्मी साल दर साल बड़ती जा रही है। यह मानव निर्मित ग्लोबल वार्मिंग है अर्थात् ये मानव द्वारा ही किया जा रहा है। और, मानो ऐसा लगता है कि यह बढ़ता तापमान जल्द ही एक गर्मी की दुनिया बना लेगा जो कि पुरे साल रहेगी ।

जैसा कि हम एक इंसान हैं, जो कि  ईश्वर की सबसे बुद्धिमान संरचना है,  हमें इस बढ़ते तापमान पर सकारात्मक सोच और सकारात्मक कार्य करना चाहिए। हमें सभी आरामदायक संसाधनों का उपयोग करके गर्मियों के मौसम का आनंद लेना चाहिए, हालांकि हमें सीमा पार नहीं करनी चाहिए। हमें सीमा के भीतर रहकर आनंद लेना चाहिए और हमेशा पानी और बिजली की बचत करना चाहिए। हमें पानी और बिजली बर्बाद नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस पृथ्वी पर साफ पानी का बहुत कम प्रतिशत है और बिजली का अनावश्यक उपयोग ग्लोबल वार्मिंग का एक बहुत बड़ा कारण है।


मौसमी बिमारियां:-

गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और शुरू हो गई हैं बीमारियां भीं. आमतौर पर गर्मी में हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन, फ्लू, चिकन पॉक्स, डायरिया के मामले बढ़ जाते हैं, मौसमी बिमारियां (Seasonal Health Problems) ज्यादातर संबंधित मौसम में देखने को मिलती हैं। उदाहरण के तौर पर जहां गर्मी के दिनों में लू लगना, डिहाइड्रेशन, घमौरी, स्किन बर्न, आदि समस्यायें देखने को मिलती है, वहीं सर्दियों में ठंढ लगना, निमोनिया, सर्दी-जुकाम, वायरल-फीवर, आदि बिमारियों से संक्रमित लोग आसानी से देखे जा सकते हैं। मौसमी बिमारियों से बचने के लिए सर्वेश्रेष्ठ उपाय है तेज मौसम (कड़ी धूप या तेज ठंढ) में एहतियात बरतना।

गर्मी में होने वाली बीमारियां:-

– गर्मी में शरीर में पानी की कमी हो जाती है. इससे डि-हाइड्रेशन होता है. इसके होने के अन्‍य कारणों में ज्यादा व्यायाम, डायरिया, उल्टी, बुखार या ज्यादा पसीना भी होता है
– इस मौसम में लोग चिकनपॉक्स और मीजल्स से परेशान होते हैं. डॉक्‍टर्स कहते हैं कि इनके कई मामले सामने आते हैं
– यूरीन इन्‍फेक्‍शन भी लोगों को परेशान करने लगता है, महिलाओं को अक्सर पता नहीं चलता कि उनमें पानी की कमी हो रही है और पानी न पीने से संक्रमण होता है


क्‍या करें इस मौसम में:-

– डॉक्‍टर कहते हैं कि गर्मी में भी पानी उबालकर पीना चाहिए, क्योंकि पानी की गुणवत्ता में कमी हो जाती है. पानी में अगर ऑर्सेनिक, जंग, कीटनाशक आदि हो तो उसे पीने से डायरिया, हैजा, टायफायड वगैरह हो सकता है
– प्‍यास ना भी लगे, तो भी पानी पीना चाहिए
– जंक फूड और सड़क किनारे से कुछ खरीदकर खाने से बचना चाहिए
गर्मी के दिनों में पाचन की समस्‍या पैदा हो जाती है और कई दिनों तक पेरशानी पैदा हो जाती है। कई लोगों की भूख खतम हो जाती है तो कई लोगों के शरीर में पानी की कमी होने के कारण उन्‍हें डीहाइड्रेशन हो जाता है। अगर आपको डीहाइड्रेशन हो जाता है तो खाने पीने में भी परेशानी हो जाती है। गर्मियों के दिनों में अगर तला भूना या फिर मसालेदार खाना खा लिया तो पेट खराब हो जाता है। तो ऐसे में गर्मी के मौसम मे पेट की बीमारी से बचने के लिये क्‍या क्‍या उपाय किये जा सकते हैं, इसके बारे में हम आपको कुछ जानकारियां देगें।

पेट की बीमारी से बचने के लिये :-

कम खाएं- गर्मियों में भूख से थोड़ा कम ही खाइये। इस दौरान सिस्‍टम थोड़ा संवेदनशील हो जाता है तो थोड़ी थोड़ी देर पर खाएं न कि इकठ्ठा एक साथ। इससे पाचन क्रिया सही ढंग से होगी और आपको जल्‍दी भूख भी नहीं लगेगी। इस समय हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां और ताजे फल खाइये, जो कि आसानी से पच जाए।
खूब पीजिये- कई लोग गर्मियों में ज्‍यादा पानी नहीं पीते। पसीने की वजह से शरीर का सारा पानी निकल जाता है तो इसलिये डीहाइड्रेशन से बचने के लिये खूब सारा पानी पीजिये और फलो का रस पीजिये। कोल्‍ड्रिक का कम सेवन कीजिये।

मसालेदार भोजन से बचे:-गर्मी में पाचन क्रिया धीमी हो जाने के कारण ज्‍यादा तला भुना और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिये। इस समय आपको बीन्‍स, गाजर, स्‍प्राउ्स आदि खाने चाहिये जिससे आप का पेट साफ रहे और मजबूत रहे।

जूसी फ्रूट:- अपनी डाइट में टमाटर, सेब, खीरा, शकरकंद, तरबूज, सूरन और खरबूजा शामिल करें।

पाचन के लिये मसाले और बूटियां खाएं- अपनी पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिये धनिया, मेथी, सौंफ , दालचीनी, अदरक, जीरा आदि अपने आहार में शामिल करें।


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"शुभ प्रभात"

*सहयोग व प्यार एक बहुत ही महंगी चीज़ है,*
       *इसकी हर किसी से उम्मीद न रखे*
              *क्योकि,*
*बहुत ही कम लोग दिल*
       *के धनवान होते है।*

      *🙏🏻🌹शुभ प्रभात🌹🙏🏻*

*​जीवन में महत्वपूर्ण यह नहीं है कि,*
       *आपकी "उम्र" क्या है,*

                    *बल्कि*

 *​महत्वपूर्ण यह है कि,*
       *"सोच" किस उम्र की रखते हो..!!!*

   *🌸 शुभ प्रभात 🌸*

"पेट रोग के कारण और उपचार"

पेट रोग के कारण और उपचार:-

बदलती जीवनशैली में पेट की परेशानी आम समस्या हो गई है। नौकरी के चक्कर में रातभर जागना, तला-भुना खाना और शारीरिक श्रम की कमी, ऐसे कई कारण हैं जिस कारण पेट की समस्याएं बढ़ रही हैं। आयुर्वेद में भी बताया गया है कि पेट का रोग शरीर के अन्य रोगों का जनक होता है। यदि आपका पेट सही है तो आपको अन्य रोग होने का खतरा भी कम रहता है। इस सबसे अलग प्रश्न यह है कि आप खुद को पेट में होने वाली पेरशानियों से कैसे दूर रखें। इस लेख के जरिये हम आपको विस्तार से बताएंगे पेट के रोगों के कारण और उनके उपचार के बारे में।

एसिडिटी - कारण:-

भोजन को पचाने में पेट में बनने वाला एसिड या अम्ल बहुत कारगर होता है। लेकिन कई बार पेट में यह एसिड आवश्यक मात्रा से ज्यादा बन जाता है। ऐसे में एसिडिटी की समस्या हो जाती है। वसायुक्त और मसालेदार भोजन का सेवन आमतौर पर एसिडिटी की प्रमुख वजह है।

एसिडिटी - उपचार:-

यदि आपको भी एसिडिटी की समस्या है तो सुबह उठने के तुरंत बाद पानी पिएं। इसके अलावा फल जैसे केला, तरबूज, पपीता और खीरा को प्रतिदिन के भोजन में शामिल करें। तरबूज का रस भी एसिडिटी के उपचार में लाभदायक है। नारियल पानी के सेवन से भी एसिडिटी से छुटकारा मिलता है।
जी मिचलाना और उल्टी - कारण:-
जी मिचलाना और उल्टी आना शरीर में मौजूद किसी रोग के लक्षण हैं। जी मिचलाने पर शरीर में मौजूद उस बीमारी का पता लगाना और इलाज करना आवश्यक है, जिसकी वजह से उल्टी आना या जी मिचलाने की समस्या हो रही है। लंबी यात्रा में कई बार जी मिचलाने की समस्या आम है।
जी मिचलाना और उल्टी - उपचार
जी मिचलाने या उल्टी के आने पर आपको दो या तीन टाइम हल्का भोजन करना चाहिए। ऐसे में दही का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। चाहें तो डॉक्टरी परामर्श कर दवा का सेवन भी कर सकते हैं।

पेप्टिक अल्सर - कारण:-

पेट या छोटी आंत की परत में होने वाले घाव को पेप्टिक अल्सर कहते हैं। दर्द निवारक दवा जैसे डिस्प्रिन, ऐस्प्रिन, ब्रूफेन जैसी दर्दनाशक दवाओं के सेवन से अल्सर होने की संभावना बनी रहती है। तनाव और मसालेदार भोजन भी अल्सर का प्रमुख कारण है। अल्सर होने पर व्यक्ति का वजन भी कम होने लगता है।
पेप्टिक अल्सर - उपचार
अल्सर में राहत पाने के लिए आपको रेशेदार भोजन करना चाहिए। खासकर फल और सब्जियों का सेवन इसमें सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। योग या ध्यान क्रियाओं की मदद से खुद को आराम देने की कोशिश करें।

गैस की समस्या - कारण:-

लंबे समय तक भूखे रहने या गरिष्ठ भोजन करने से पेट में गैस की समस्या हो जाती है। कई बार ज्यादा गैस बननी शरीर के अन्य अंगों के लिए भी घात साबित हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि गैस की समस्या पर समय रहते काबू पा लिया जाए।
गैस की समस्या - उपचार
यदि आपको भी गैस की शिकायत है तो इससे राहत पाने के लिए आपको पवन मुक्त आसन करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा पानी पीकर भी गैस की समस्या से राहत पा सकते हैं। गैस के उपचार के लिए एक नींबू के रस में दो चम्मच पानी और स्वादानुसार काला नमक मिलाएं। अब इसे मुंह के पास ले जाकर चुटकीभर खाने का सोडा मिलाकर तुंरत पी लें।

लूज मोशन - कारण

खराब भोजन का सेवन करने या बदलते मौसम में कई बार आप लूज मोशन का शिकार हो जाते हैं। लूज मोशन में आपका शरीर कमजोरी महसूस करता है।
लूज मोशन - उपचार
ऐसे में आपको हल्का भोजन जैसे मूंग दाल की खिचड़ी या दलिया आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा लूज मोशन में दही का सेवन भी फायदेमंद साबित होता है। केला और भुस्सी खाने से भी लूज मोशन में आराम मिलता है।

कब्ज - कारण:-

पानी का कम सेवन करने या भोजन में फैट की कमी से कब्ज की समस्या होना आम बात है। कब्ज की परेशनी में आपको भूख नहीं लगती और शौच खुलकर नहीं होती।
कब्ज - उपचार
कब्ज से राहत के लिए दूध और पपीते का सेवन करना चाहिए। यदि आपके पेट में लंबे समय से कब्ज हैं तो रात को सोते समय गुनगुने पानी से त्रिफला चूर्ण का सेवन भी फायदेमंद रहेगा। इसके अलावा चौलाई के साथ दूध भी कब्ज में आराम देता है।

अपच - पेट रोग के कारण और उपचार:-

ज्यादा मसालेदार या तीखा खाना खाने से कई बार अपच की समस्या हो जाती है। ऐसे में आपके पेट में भोजन सही से नहीं पच पाता और आप परेशानी महसूस करते हैं। अपच की समस्या होने पर जलजीरे का सेवन फायदेमंद साबित होता है।

विशेषज्ञों के अनुसार कम मात्रा में ही सौंफ, अदरक, दही और पपीता आदि खाने से पाचन तंत्र को स्वस्थ रखा जा सकता है। वैसे मौसम में गर्मी आने के साथ ही पेट से जुड़ी दिक्‍कतें बढ़ती जाती हैं।
पेट दुरुस्‍त तरीके से अपना काम करे, इसके लिए जरूरी है क‍ि खाने पीने की आदतें सही रखी जाएं। हल्‍का खाना खाया जाए और साथ ही तेज मिर्च और ज्‍यादा मसालों के प्रयोग से भी बचा जाए। पीने का पानी अगर साफ न हो तो भी पेट से जुड़ी समस्‍याएं सामने आती हैं। इसलिए जहां तक हो सके पानी को उबालकर या फ‍िल्‍टर करके प‍िया जाए।

यहां जानें पेट की गड़बड़ी दूर करने के आसान घरेलू नुस्‍खे -

अदरक का सेवन पेट को दुरुस्‍त रखता है जिससे पाचन क्रिया में मदद मिलती है। अदरक खाने से सूजन और सीने में जलन नहीं होती। खाना खाने के बाद अदरक और  नीबू की कुछ बूदों के मिश्रण का एक घूंट आपको कई परेशानियों से दूर रख सकता है।
सौंफ में मौजूद तत्व पेट की गैस कम करने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करते हैं। इसे चबाने से या चाय में डालकर लेने से पाचन क्रिया सक्रिय होती है, जिससे सीने में जलन, पेट और आंत की समस्याओं का निदान हो जाता है।
जीरा का सेवन करने से आग्नाशय के विभिन्न तत्वों का स्राव होने लगता है। इसमें कई पोषक तत्व होते हैं। आप इसे भून कर दूध, दही, शिकंजी, सलाद या सूप में पीसकर भी ले सकते हैं।
प्रोबायोटिक ऐसे सूक्ष्म जीव होते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करते हैं। इनका सेवन करने से पाचन तंत्र और प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता है। इन्हें लेने से मूत्राशय संक्रमण, त्वचा संबंधी रोग और सर्दी में का निदान होता है। हम लोग इन्हें दही, केफिर (दूध उत्पाद) और कोम्बुच (एक तरह की ब्लैक टी) के रूप में ले सकते हैं।
दूध से बने ज्यादातर उत्पादों के साथ पाचन संबंधी समस्या होने के बावजूद सामान्य दही इसके ठीक विपरीत प्रभाव डालता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक पेट के विकार दूर करने में सहायक होता है। इससे पाचन और गैस संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है।
दलिया घुलनशील और अघुलनशील फाइबर्स का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। पोषक तत्वों से भरपूर दलिया को आटा बनाने की प्रक्रिया में हटा दिया जाता है, जिससे स्वस्थ पाचन क्रियाओं के लिए जरूरी विटामिन, पोषक तत्व और फाइबर अलग हो जाते हैं। दलिया से भी पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में सहायता मिलती है।
पपीते की गिनती डायरिया और पेट की अन्य समस्याओं का इलाज करने वाले फलों में होती है। इसे खाने से पाचन, खट्टी डकार और कब्ज में आराम मिलता है। इसका सेवन करने से पेट के विकार दूर होते हैं।
केला एक ऐसा फल है, जो जल्दी पच जाता है और तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है। पपीते की तरह इसमें भी पेक्टि‍न होता है, जिससे पेट के विकार दूर होते हैं।

पेट में कीड़े होने का कारण लक्षण:-

पेट में कीड़े होने का कारण लक्षण और उपचार पेट के कीड़े मारने के उपाय: कीड़े कई प्रकार के होते है कुछ प्रत्यक्ष होते है तो कुछ अप्रत्यक्ष होते है| जो कीड़े मौसम के अनुसार होते है और हमें दिखाई देते है|"
पेट के कीड़े मारने के उपाय: कीड़े कई प्रकार के होते है कुछ प्रत्यक्ष होते है तो कुछ अप्रत्यक्ष होते है| जो कीड़े मौसम के अनुसार होते है और हमें दिखाई देते है| प्रत्यक्ष कीड़े होते है और कुछ ऐसे सूक्ष्म जीव होते है जो इतने छोटे होते है| कि इन्हें बिना सूक्ष्मदर्शी के नहीं देखा जा सकता| ऐसे ही होते है शरीर में पड़ने वाले कीड़े या शरीर के अन्दर रहने वाले कीड़े शरीर के भीतर कई प्रकार के कीड़े होते है| उनका रंग आकार सब अलग होता है और ये शारीर के अन्दर बिना किसी कारण के प्रवेश नहीं कर सकते लेकिन इनके प्रवेश करने के कई कारण हो जाते है|

शरीर के अन्दर कीड़े के प्रवेश के कारण:-

जिन पर हम ध्यान नहीं देते है जैसे- छोटे बच्चों द्वारा घर में या इधर-उधर पड़ी चीजों को खा लेने से, मिट्टीद्वारा, दूषित पानी पीने से, घाव में सड़न होने से, घाव या चोट का मक्खियों या अन्य दूषित वस्तुयों के संपर्क में आने से, दूषित वातावरण में रहने या जाने से आदि| (पेट के कीड़े मारने के उपाय) जो लोग स्वास्थ्य के नियमों, शुद्ध पानी और शुद्ध पेय का सेवन नहीं करते हैं वह लोग पेट के कीड़ों से ज्यादा पीड़ित होते हैं ये मल, कफ, रक्त (खून) के साथ शरीर के बाहर निकल जाते हैं छोटे कृमि (कीड़ों) को ‘चुनने’ और बडे़ कृमि (कीड़े) को ‘पटेरे’ कहते हैं|
पेट में होने वाले कीड़ों के अनेक कारण पाये जाते हैं। जैसे- गलत खान-पान, गंदे हाथों से खाना, अजीर्ण (भूख का न लगना) में खाना खाने, मक्खियों द्वारा दूषित आहार, दूध, खट्ठी-मीठी वस्तुएं अधिक खाने, मैदा खाने से, पीसे हुए अन्न, कढ़ी, रायता, गुड़, उड़द, सिरका, कांजी,दही और संयोग विरुद्ध पदार्थों के खाने, परिश्रम न करना और दिन में सोना आदि कारणों से पेट में कीड़े पैदा हो जाते हैं|

पेट में कीड़े होने के लक्षण
• पेट दर्द होना
• स्वम् का वजन कम होना
• आँखे लाल होना
• जीभ का सफ़ेद होना
• मुंह से बदबू आना
• गले में धब्बे पड़ना
• शरीर पर सूजन आना
• गुप्तांग में खुजली होना
• जी मचलना और उलटी आना
• मल त्याग करते समय खून आना
• दस्त लगना
• अगर कोई बच्चा रात को सोते समय दांतों को वाजता है तो उसके पेट में कीड़े होते है |


पेट के कीड़े मारने के उपाय:-

अगर आपकी पेट ख़राब है दस्त हो गया है, बार बार आपको टॉयलेट जाना पड़ रहा है तो इसकी सबसे अछि दावा है जीरा |
अध चम्मच जीरा चबाके खा लो पीछे से गुनगुना पानी पी लो तो दस्त एकदम बंध हो जाते है एक ही खुराख में |
अगर बहुत जादा दस्त हो … हर दो मिनिट में आपको टॉयलेट जाना पड़ रहा है तो आधा कप कच्चा दूध ले लो बिना गरम किया हुआ और उसमे निम्बू डालके जल्दी से पी लो | दूध फटने से पहले पीना है और बस एक ही खुराक लेना है बस इतने में ही खतरनाक दस्त ठीक हो जाते है|
एक अछि दावा है ये जो बेल पत्र के पेड़ पर जो फल होते है उसका गुदा चबाके खा लो पीछे से थोडा पानी पी लो ये भी दस्त ठीक कर देता है | बेल का पाउडर मिलता है बाज़ार में उसका एक चम्मच गुनगुना पानी के साथ पी लो ये भी दस्त ठीक कर देता है |
पेट अगर आपका साफ़ नही रहता कब्जियत रहती है तो इसकी सबसे अछि दावा है अजवाईन | इसको गुड में मिलाके चबाके खाओ और पीछे से गरम पानी पी लो तो पेट तुरंत साफ़ होता है , रात को खा के सो जाओ सुबह उठते ही पेट साफ होगा |
एक अछि दावा है पेट साफ करने की वो है त्रिफला चूर्ण , रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण ले लो पानी के साथ पेट साफ हो जायेगा|
पेट जुडी दो तिन ख़राब बिमारिय है जैसे बवासीर, पाईल्स, हेमोरोइड्स, फिसचुला, फिसर .. ये सब बिमारिओ में अछि दावा है मुली का रस | एक कप मुली का रस पियो खाना खाने के बाद दोपहर को या सबेरे पर शाम को मत पीना तो हर तरेह का बवासीर ठीक हो जाता है , भगंदर ठीक होता है फिसचुला, फिसर ठीक होता है .. अनार का रस पियो तो भी ठीक हो जाता है |

भोजन में क्या नहीं लेना चाहिए:-

पेट में कीड़े होने पर खाने पर विशेष ध्यान देना होता है क्योकि खाने से ही ये कीड़े होते है और इन्हें ख़त्म करने के लिए आपको खाना का परहेज करना होगा जैसे- बेसन की बनी खाने की वस्तुएं, तिल, जौ, उड़द, मोठ, पत्तेवाली सब्जी, आलू, मूली, अरबी, ककड़ी, खीरा, दही, दूध, अधिक देशी घी, खटाई आदि और भी मांस, मछली, अण्डा, मुल्तानी मिट्टी, मीठी चीजों का सेवन, रात को अधिक देर बाद सोना, दिन में सोना, दिन भर बैठे रहना, बीड़ी-सिगरेट को पीना और तेल की मालिश, सड़ी और बासी वस्तु, नमकीन, अधिक सूखे और लाल मिर्चे आदि का सेवन नहीं करना चाहिए|

भोजन में क्या लेना चाहिए:-

जिस तरह से पेट में कीड़े होने पर खाने में परहेज करना होता है| उसी प्रकार खाने में क्या खाना चाहिए इस बात का भी ध्यान रखा जाता है| क्योकि खाने से ही दवा का असर होना शुरू होता है खाने में कुछ चीजो का सेवन जरुर करना चाहिए| (पेट के कीड़े मारने के उपाय)
जैसे- केला, सरसों का साग, कांजी, मट्ठा, शहद, हींग, नींबू का रस, पुराने चावल, मूंग, अरहर और मलका की दाल, साबूदाना, बथुआ, करेला,परवल, तोरई, लौकी, अनार, कच्चा आंवला, संतरा, अनन्नास का रस, अदरक की चटनी, सेब, राई, मुनक्का, अजवाइन का रस, हींग, जीरा, धनिया, कड़वे चटपटे और कफनाशक पदार्थ का प्रयोग रोगी को खाने में करना चाहिए|
खजूर और दूध के फायदे ज्यादातर लोगो को कब्ज की परेशानी होती है और कब्ज होने वाले लोगो के लिए खजूर वरदान की सामान है  इसमें सॉल्युबल फाइबर मौजूद होता है जो आपको खाने का Movement बेहतर कर देता है|

खजूर में मौजूद पोषक तत्व:-
खजूर को Date Palm कहते है.  कई लोग इसे अपने Dry Fruits में शामिल भी करते है, खजूर विभिन्न Vitamins, मिनरल्स और Fibers, Oils, Calcium, सल्फर, आयरन, पोटेशियम, फॉस्फोरस, मैंगनीज, कॉपर और मैग्नेशियम जैसे तत्व होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक हैं Human Body के लिए बहुत जरुरी तत्व है|

कब्ज से बचाव:-

ज्यादातर लोगो को कब्ज की परेशानी होती है और कब्ज होने वाले लोगो के लिए खजूर वरदान की सामान है खजूर को आप रातभर पानी में भिगो कर रख दे सुबह तक ये सिरप की तरह हो जाते है और इस तरह खाने से आपको काफी लाभ होगा इसमें सॉल्युबल फाइबर मौजूद होता है जो आपको खाने का Movement बेहतर कर देता है जिस कारण आप कब्ज की Problems से राहत पाते है|
वजन बढ़ाने में मिलती है मदद  (Helpful For Gain Weight)
वजन घटाने की अपने कई सारे नुस्खे देखे है और दिए भी जाते है लेकिन अगर आप वजन बढ़ाना चाहते है लेकिन आपके पास इनके लिए कोई खास Tips नहीं होगी पर आज हम आपको बताते है खजूर में प्रोटीन, विटामिन्स और शुगर होते है इस खजूर को आप ककड़ी के पेस्ट के साथ खा सकते है इसमें बैलेंस्ड रहते है 1 किलोग्राम खजूर में 3000 कैलोरी होती है इसे आप रोज नियमित रूप से ले आप को बहुत फायदा मिलेगा|

कैंसर से बचाव – Cure Of Cancer:-

जैसा की आप जानते ही है की आज कल Cancer की बीमारी किस हद तक बढ़ गई है जिसे रोकने के लिए रिसर्च जारी है और अभी एक रिसर्च में आ आया है की खजूर का सेवन करने से पेट का कैंसर का Risk और प्रभाव दोनों कम हो जाते है खजूर आयुवर्ग के लोगो के लिए बहुत लाभकारी है और न ही कोई नुकसान होता है इसलिए आप ऐसे रोज आपने खाने में सकते हो इससे आपको काफी हद तक बहुत फायदा मिलेगा|
दिल संबंधी रोगों को दूर करने में सहायक
खजूर को आप रातभर भिगो कर कर दे बाद में सुबह क्रश करके खा ले ये आपके दिल के काफी फायदेमंद होता है खजूर में पोटेशियम, Heart Stroke और अन्य Heart Related Diseases के खतरे को कम करता है और खजूर के इस्तेमाल से आप कोलेस्टॉल को भी कंट्रोल कर पाएंगे आप हफ्ते में दो बार खजूर को जरूर खाइये आपको फिर Heart की कोई भी बीमारी नहीं होगी|

एनीमिया से लड़ने में सहायक:-

नीमिया का नाम सुनते ही हमें महिलाओं की याद आ जाती है खासतौर पर ये बीमारी महिलाओ को ही होती है जिन लोगो को एनीमिया होता है वे लोग किसी को भी खून नहीं दे सकते एनीमिया से पीड़ित लोगो के लिए खजूर काफी मददगार साबित होती है खजूर में Iron भरपूर मात्रा में होता है जो खून में हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करता है इससे एनीमिया से पीड़ित मरीजों में ताकत और ऊर्जा का संचार होता है साथ ही इससे थकान और सुस्ती भी दूर होती है|
खजूर खाने के फायदे, इनके आलावा भी कई सारी बीमारियों में फायदेमंद होता है :-
खजूर के रोज इस्तमाल करने से आपको कभी भी हड्डियों के संबंध में कोई परेशानी नहीं होगी ये हड्डियों को मजबूत करता है|
नियमित रूप से खजूर का इस्तमाल करने से आप हर तरह की एलर्जी से दूर रहते है|
इससे आप दिन भर Fresh रहते है आपको हमेशा ऊर्जा मिलती है. और आपका Mind भी Sharp होता है|
Sexual Weakness से भी आपका बचाव करती है आपको किसी भी प्रकार की कोई Weakness नहीं होती है|
खजूर आपको Hangover से बचाने में भी काफी मददगार होता है|



ज़िन्दगी बहुत हसीन है,

ज़िन्दगी बहुत हसीन है,
कभी हंसाती है, तो कभी रुलाती है,
लेकिन जो ज़िन्दगी की भीड़ में खुश रहता है,
ज़िन्दगी उसी के आगे सिर झुकाती है।

बिना संघर्ष कोई महान नही होता,
बिना कुछ किये जय जय कार नही होता,
जब तक नहीं पड़ती हथोड़े की चोट,
तब तक कोई पत्थर भी लोगों के लिए भगवान नही होता।

शमा परवाने को जलाना सिखाती है,
शाम सूरज को ढलना सिखाती है,
मुसाफिर को ठोकरों से होती तो हैं तकलीफें,
लेकिन ठोकरें ही एक मुसाफिर को चलना सिखाती हैं।

जिंदगी बहुत खूबसूरत है, जिंदगी से प्यार करो,
अगर हो रात तो, सुबह का इंतजार करो,
वो पल भी आएगा जिसका तुझे इंतेज़ार है,
बस उस खुदा पर भरोसा और वक्त पर ऐतवार करो।

"शुभ प्रभात जी"



 *जिसको भगवान की कृपा पर भरोसा है और उनके न्याय पर विश्वास है ,*
*उसको संसार की कोई भी स्थिति विचलित नही कर सकती ....*
*ईश्वर तो मेरे बिना भी ईश्वर है....,*
*परन्तु मैं ईश्वर के बिना कुछ भी नहीं।..*


🥀🌹🌞 *शुभ प्रभात जी*🌞🌹🥀


आपका दिन शुभ व मंगलमय हो जी



"शब्द भी एक तरह का भोजन है।"

*शब्द भी एक तरह का भोजन है।*
*किस समय कौनसा शब्द परोसना है वो आ जाये तो दुनिया मे उससे बढ़िया रसोइया कोई नही है।*
*शब्द का भी अपना एक स्वाद है,*
*बोलने से पहले स्वयं चख लीजिये।*
*अगर खुद को अच्छा नही लगे तो दूसरों को कैसे अच्छा लगेगा।*
💐💐 *शुभ प्रभात** 💐💐

"कर्म " ,

*कर्म बढ़िया होने चाहिये क्योकि वक्त किसी का नहीं होता* ..…....       
              ,                *बाजार में उन नोटों को भी  कबाड़ के भाव बिकते देखा*......             
    *जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे।।।

 *जरा सी बात से..*
*मतलब बदल जाते हैं,*

                   *उंगली उठे तो बेइज्जती👉🏼*
                   *और अंगूठा उठे तो तारीफ 👍🏻*

*और.. *अँगुठे से... अँगुली मिले तो लाजबाब👌🏽*
*यहि तो है.. जिंदगी का हिसाब* 👍👌
             *कर्म बढ़िया होने चाहिये क्योकि वक्त किसी का नहीं होता* ..…....       
              ,                *बाजार में उन नोटों को भी  कबाड़ के भाव बिकते देखा*......             
    *जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे।।।

 *जरा सी बात से..*
*मतलब बदल जाते हैं,*

                   *उंगली उठे तो बेइज्जती👉🏼*
                   *और अंगूठा उठे तो तारीफ 👍🏻*

*और.. *अँगुठे से... अँगुली मिले तो लाजबाब👌🏽*
*यहि तो है.. जिंदगी का हिसाब* 👍👌
             🙏 *सुप्रभात* 🙏

"कर्म बढ़िया होने चाहिये"

*कर्म बढ़िया होने चाहिये क्योकि वक्त किसी का नहीं होता* ..…....       
              ,                *बाजार में उन नोटों को भी  कबाड़ के भाव बिकते देखा*......             
    *जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे।।।

 *जरा सी बात से..*
*मतलब बदल जाते हैं,*

                   *उंगली उठे तो बेइज्जती👉🏼*
                   *और अंगूठा उठे तो तारीफ 👍🏻*

*और.. *अँगुठे से... अँगुली मिले तो लाजबाब👌🏽*
*यहि तो है.. जिंदगी का हिसाब* 👍👌
             🙏 *सुप्रभात* 🙏

जय श्री श्याम "


💎ना हमे कोई दिखावा आता है💎
💧ना हमे कोई छलावा आता है💧
💦हम है बाबा के सीधे-साधे बच्चे💦
       🔮इसलिए सबसे केवल🔮   
🌹🙏🏻"जय श्री श्याम "🙏🏻🌹
🎈बुलवाना आता है।।🎈
♻अपमान करना किसी के*♻
 ☄स्वभाव में हो सकता है,☄
🦋पर सम्मान करना🦋
🍄हमारे संस्कार में होना चाहिए🍄

🌷लखदातार की जय💐हारे के सहारे की जय 🌸कलयुग के अवतार की जय🍁शिश के दानी की जय🍂आपका आज का दिन शुभ एवं मंगलमय हे🌹

"जिंदगी की बैंक में प्यार "


     *जिंदगी की बैंक में जब " प्यार " का* 
    *" बैलेंस " कम हो जाता है तब* 
  *"हंसी खुशी " के चेक* 
 *बाउंस होने लगते है*

     *इसलिए हमेशा अपनों के साथ* 
     *नज़दीकियां बनाए रखिए और*
     *अपनो को प्यार बांटते रहे........*
      

*🍃अगर कोई* 

    *आपकों याद नही कर पाता,*
   *तो आप कर लीजिये,*
   *रिश्तें निभाते वक्त*
   *मुकाबला नहीं किया जाता !!*


हो सके तो मुस्कुराहट बांटिये
रिश्तों में कुछ सरसराहट बांटिये !

नीरस सी हो चली है ज़िन्दगी बहुत
थोड़ी सी इसमें शरारत बांटिये !

सब यूँ ही भाग रहे हैं परछाइयों के पीछे
अब सुकून की कोई इबादत बांटिये !

ज़िन्दगी यूँ ही न बीत जाये दुख-दर्द में

बेचैनियों को कुछ तो राहत बांटिये ! 🌹

*बहुत सौदे होते हैं संसार में मगर*
*सुख बेचने वाले और* 
*दुख खरीदने वाले नहीं मिलतें*

 *पता नहीं क्यों लोग*

*रिश्ते छोड़ देते हैं* 
 *लेकिन जिद नहीं...!!*

  

"सुभाषितबाणी"

*जब जल गंदा हो जाता है*
     *तो उसे हिलाते नहीं*
  *शांत  छोड़  देते हैं ,धीरज*
        *रखते  है.......,*
  *गंदगी अपने आप नीचे*
        *बैठ जाती है....*
  *साफ जल अपने-आप*
   *ऊपर आ जाता है.....*       
  *इसलिये जो धीरज रख*
        *सकता है वह.*
  *अपना इच्छित सब कुछ*
        *पा सकता है..*
 *स्पीड ब्रेकर कितना भी बड़ा हो,*
     *गति धीमी करने से*   *झटका   नहीं   लगता ।*     
*उसी तरह*
 *मुसीबत कितनी भी बड़ी हो*
   *शांति से विचार करने पर*
*जीवन में झटके नही  लगते*     


     *जिंदगी की बैंक में जब " प्यार " का*
    *" बैलेंस " कम हो जाता है तब*
  *"हंसी खुशी " के चेक*
 *बाउंस होने लगते है*

     *इसलिए हमेशा अपनों के साथ*
     *नज़दीकियां बनाए रखिए और*
     *अपनो को प्यार बांटते रहे........*
   

*🍃अगर कोई*
    *आपकों याद नही कर पाता,*
   *तो आप कर लीजिये,*
   *रिश्तें निभाते वक्त*
   *मुकाबला नहीं किया जाता !!*

हो सके तो मुस्कुराहट बांटिये
रिश्तों में कुछ सरसराहट बांटिये !

नीरस सी हो चली है ज़िन्दगी बहुत
थोड़ी सी इसमें शरारत बांटिये !

सब यूँ ही भाग रहे हैं परछाइयों के पीछे
अब सुकून की कोई इबादत बांटिये !

ज़िन्दगी यूँ ही न बीत जाये दुख-दर्द में
बेचैनियों को कुछ तो राहत बांटिये ! 🌹

*बहुत सौदे होते हैं संसार में मगर*
*सुख बेचने वाले और*
*दुख खरीदने वाले नहीं मिलतें*

 *पता नहीं क्यों लोग*

*रिश्ते छोड़ देते हैं*
            *लेकिन जिद नहीं...!!*
   💐  *शुभ प्रभात*  💐

"शानदार बात"



  *जीवन" में "तकलीफ़" उसी को आती है, जो हमेशा "जवाबदारी" उठाने को तैयार रहते है,*
*और जवाबदारी लेने वाले कभी हारते नही, या तो "जीतते" है, या फिर "सिखते" है.*

*अभिमन्यु की एक बात बड़ी शिक्षा देतीं हैं ...*

*" हिम्मत से हारना,*
             *पर*
 *हिम्मत मत हारना "...*                                                       
*💐🌹💐सुप्रभात💐🌹💐*
*"श्याम" नाम की चाबी*
   *ऐसी जो हर ताले को खोले ।*
      *काम बनेंगें उसके सारे जो ,*
   *" जय श्री श्याम जी " बोले ॥*
🌹🌹 *!!जय श्री श्याम जी!!🌹🌹🐎🐎*🙏🐎🐎

ये वीडियो अगर नहीं देखा तो....

इस वीडियो की अनदेखी करना खुद को धोखा देना है, ये बहुत ही कड़वी मगर ज़रूरी सच्चाई है ये वीडियो अगर नहीं देखा तो ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सच्चाई नहीं देखी, अगर देश को फिर से गुलाम होने से बचाना है तो भारत देश का हर एक नागरिक कम से कम इस वीडियो को See.

"चार कीमती रत्न"


*मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप इससे जरूर धनवान होंगे..!🙌🌹*


*🌾1.पहला रत्न है:-*

          *" माफी "🙏*
*तुम्हारे लिए कोई कुछ भी कहे, तुम उसकी बात को कभी अपने मन में न बिठाना, और ना ही उसके लिए कभी प्रतिकार की भावना मन में रखना, बल्कि उसे माफ़ कर देना।*🙌🌹


*🌾2.दूसरा रत्न है:-*

         *"भूल जाना"👏*
*अपने द्वारा दूसरों के प्रति किये गए उपकार को भूल जाना, कभी भी उस किए गए उपकार का प्रतिलाभ मिलने की उम्मीद मन में न रखना।*🙌🌹

*🌾3.तीसरा रत्न है:-*
        *"विश्वास"*🙌
*हमेशा अपनी मेहनत और उस परमपिता परमात्मा पर अटूट विश्वास रखना । यही सफलता का सूत्र है ।*🙌🌹


*🌾4.चौथा रत्न है:-*

          *"वैराग्य"*😭
*हमेशा यह याद रखना कि जब हमारा जन्म हुआ है तो निश्चित ही हमें एक दिन मरना भी है..!  इसलिए बिना लिप्त हुए जीवन का आनंद लेना ! वर्तमान में जीना ! यही जीवन का असल सच है..!**


   🍇🌿🍇🌿🍇🌿🍇🌿
‬: *प्रभु कहते है....!!* 
*होती आरती, बजते शंख,*
             *पूजा में सब खोए है,*
*मंदिर के बाहर तो देखो,*
                *भूखे बच्चे सोए है,*
*एक निवाला इनको देना,*        *प्रसाद मुझे चढ जायेगा,*   
*मेरे दर पर माँगने वाले*
       *तुझे बिन माँगे सब मिल जायेगा !*

                *卐ॐ🌻卐*
*जीवन के रास्ते भी बडी़ अजीब होते है*
*कभी हार होती है तो कभी जीत होती है*
*तमन्ना रखो समुन्दर की गहराई को छूने की*
*किनारों पर तो बस जीवन की *शुरुआत होती है*
   
   *🙏🏻भोर स्नेह वंदन्🙏🏻*
        ‼ *राम राम जी*!* 
*होती आरती, बजते शंख,*
             *पूजा में सब खोए है,*
*मंदिर के बाहर तो देखो,*
                *भूखे बच्चे सोए है,*
*एक निवाला इनको देना,*        *प्रसाद मुझे चढ जायेगा,*   
*मेरे दर पर माँगने वाले*
       *तुझे बिन माँगे सब मिल जायेगा !*

                *卐ॐ🌻卐*
*जीवन के रास्ते भी बडी़ अजीब होते है*
*कभी हार होती है तो कभी जीत होती है*
*तमन्ना रखो समुन्दर की गहराई को छूने की*
*किनारों पर तो बस जीवन की *शुरुआत होती है*
   
   *🙏🏻भोर स्नेह वंदन्🙏🏻*
        ‼ *राम राम जी*

"टेक लो माथा "बाबा"के चरणों में"


🌸टेक लो माथा "बाबा"के चरणों में।🌸
🦋नसीब का बंद ताला खुल जायेगा॥🦋
  🍫जो नहीं भी माँगा होगा। 🍫
❄बाबा 'श्याम '' के दर पे मिल जायेगा॥❄

🌷घमंड" और "पेट"*🌷
💐जब ये दोनों बढतें हैं..*💐
💧तब "इन्सान" चाह कर भी💧
  🌲किसी को गले नहीं लगा सकता🌲
🎄जिस प्रकार नींबू के रस की एक बूँद🎄
✳हज़ारों लीटर दूध को बर्बाद कर देती है✳
🎍उसी प्रकार मनुष्य का अहंकार🎍
🍬भी अच्छे से अच्छे संबंधों को🍬
💦बर्बाद कर देता है!!!*💦
🌴🌻🌴🌻🌴🌻🌴🌻🌴🌻🌴
🍨हमारे कुलदेवता श्याम बाबा की जय🍇लखदातार की जय❄हारे के सहारे की जय🍄कलयुग के अवतार की जय🍮आपका आज का दिन शुभ एवं मंगलमय हो🍦
🍄🌐🍄🌐🍄🌐🍄🌐🍄🌐🍄

Thursday, 27 September 2018

पिता दिवस है​

                 
कमजोर दिल वाले इस कविता को न पढ़े, रुला देगी ये कविता
वो पिता👤 होता है
वो पिता👤 ही होता है

जो अपने बच्चो👦 को अच्छे
विद्यालय में पढ़ाने के लिए
दौड🏃भाग करता है...
उधार लाकर donation भरता
है, जरूरत पड़ी तो किसी के भी
हाथ🙏 पैर भी पड़ता है
....... वो पिता👤 होता हैं ।।


हर कॉलेज🏬 में साथ👥साथ
घूमता है, बच्चे के रहने के
लिए होस्टल🏨 ढुँढता है...
स्वतः फटे कपडे पहनता है
       और बच्चे के लिए नयी जीन्स👖
टी-शर्ट👕 लाता है
.......... वो पिता👤 होता है ।।
खुद खटारा फोन📞 चलाता है पर
बच्चे के लिए स्मार्ट📱 फोन लाता है...
बच्चे की एक आवाज सुनने के
लिए, उसके फोन  में पैसा💰 भराता है
....... वो पिता👤 होता है ।


बच्चे के प्रेम विवाह के निर्णय पर
वो नाराज़😔 होता है और गुस्से
में कहता है सब ठीक से देख
लिया है ना, "आप कुछ
समझते भी है?" यह सुन कर
बहुत रोता😢 है
.......वो पिता👤 होता हैं ।।


बेटी की विदाई पर दिल की
गहराई से रोता😭 है,
मेरी बेटी का ख्याल रखना हाथ
जोड़👏 कर कहता है
......... वो पिता👤 होता है ।।


पिता का प्यार दिखता नहीं है
सिर्फ महसूस किया जाता है।
माँ पर तो बहुत कविता लिखी

गयी है पर पिता पर नहीं।
मैं पिता पर चार लाइन लिखता हूँ

 पिता रोटी है कपड़ा है मकान है पिता नन्हे से परिंदे का बड़ा आसमान है पिता है तो घर में प्रतिपल राग है पिता से मां की चूड़ी बिंदी और सुहाग है पिता है तो बच्चो के सारे सपने है पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने है


पिता का प्यार क्या है दुनिया
को बता दो।  सहमत हो तो इसे
ज्यादा से ज्यादा forward करे।
😥😰😢🙏 पापा जब दुखी होते हैं तो माँ की तरह नहीं रोते। शायद इसलिए 90% पापा हार्ट अटैक से मर जाते हैं।

क्योंकि पापा.....पापा होते हैं👏
Love u papa😘😘

दोस्तों  सही लगे तो जरुर फोरवॅड करना ।।

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं । देखते हैं अपने पापा के लिए  ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं !
Love you papa ji

गाय को मिला "राष्ट्रमाता" का दर्जा

*🚩गौभक्तों में खुशी की लहर : उत्तराखंड में गाय को मिला "राष्ट्रमाता" का दर्जा*

🚩गाय माता देश की धरोहर है और उसमें 33 करोड़ देवताओं का वास होता है, देश में गौभक्त सदियों से लड़ाई लड़ रहे हैं पर न न्यायालय सुन रहा है और ना ही सरकार, लेकिन अभी एक खुशी की खबर आई है कि उत्तराखंड में विधानसभा में गाय को राष्ट्रमाता' घोषित करने का बिल पास हो गया है ।

🚩गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है । विधानसभा में यह बिल पास हो गया है और अब इसे केंद्र के पास अप्रूवल के लिए बढ़ाया गया है । उत्तराखंड की पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने उत्तराखंड विधानसभा में बिल पेश किया था । उन्होंने कहा, 'हम सभी (विपक्ष और सत्ता) गाय के महत्व से वाकिफ हैं । न सिर्फ भारत बल्कि दूसरे देशों में भी इसका सम्मान किया जाता है ।'

🚩उन्होंने आगे कहा, 'धार्मिक ग्रन्थों में भी, हमें गाय का उल्लेख मिलता है और कहा जाता है कि इसके शरीर 33 करोड़ देवी और देवताओं का वास होता है । वह कहती हैं कि अगर गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा मिल जाता है तो इनकी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि गौवध बंद हो सके ।'

🚩'गाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए'

उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, कई लोगों के लिए यह जानवर कमाई का जरिया भी है और लोग जीविकोपार्जन के लिए इस पर निर्भर हैं । देहरादून के मेयर विनोद चंबोली समेत बीजेपी के कई नेताओं ने प्रस्ताव पर लोगों एकजुटता बढ़ाने के लिए प्रयास किया । उन्होंने कहा, 'अब समय आ गया है कि गाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ।'


🚩गाय माता को राष्ट्रमाता घोषित क्यों करना चाहिए?

1.गौ माता में #तैंतीस करोड़ देवताओं का वास है ।

2. गौ माता अन्नपूर्णा देवी, कामधेनू तथा मनोकामना पूर्ण करने वाली है।

3. गौ #माता #धर्म की धुरी है । गौ माता के बिना धर्म की कल्पना भी नहीं की जा सकती ।

4 .गाय के #दूध, घी, #गोबर, #दही और
गौ-मूत्र के निर्मित पंचगव्य से शरीर में रोग-प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने की क्षमता बढ़ती है ।

5.  गाय #धार्मिक #आर्थिक #सांस्कृतिक व #आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न है ।

🚩गौमाता ही सनातन धर्म की मूल है । जिस गौमाता के दूध की खीर से भगवान राम अवतरित हुए, जिस गौमाता के पीछे भगवान कृष्ण भागते रहे, जिस गौमाता की रक्षा के लिए भगवान परशुराम ने अपने पिता की हत्या का प्रतिशोध लिया, जिस गौमाता के कारण ही हमारे 16 संस्कार पूर्ण होते है, जो गौमाता भारत माता का साकार स्वरूप है, जो गौमाता आज़ादी की क्रांति का मूल है, जो गौमाता धर्म, अर्थ, काम और  मोक्ष देने वाली है, जो गौमाता भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो गौमाता भारत को विश्वगुरु बना सकती है, जो गौमाता किसानों को गोबर का मूल्य दिला सकती है, जो गौमाता दूध से ही कुपोषण को दूर कर सकती है, जो गौमाता प्रकृति को प्राणवायु दे सकती है, जो गौमाता आरोग्य की मूल है,जो गौमाता स्वयं प्रकृति है, जो गौमाता भारत का स्वरूप है उस गौमाता को 70 वर्षो से निरंतर काटा जा रहा है, इससे बड़े शर्म, दुर्भाग्य और पाप की बात क्या होगी भला ।



🚩सोचिए गौमाता को हम विश्वमाता कहते हैं और माता मानते हैं, लेकिन भारत सरकार के दस्तावेजों में गाय पशु है और पशु काटने के 36000 से अधिक वैध-अवैध कत्लखाने हैं भारत में, इसलिए जब तक गाय पशु है तब तक कौन उसे बचा सकता है और जब गाय माता है तो कौन माई का लाल उसे काट सकता है । इसलिए गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाना जरूरी है ।

🚩गौ-माता भारत देश की रीड की हड्डी है । जो सभी को स्वस्थ्य #सुखी जीवन जीने में मदद रूप बनती है । देशवासियों को आजीवन गौ-माता की रक्षा के लिए कटिबद्ध रहना चाहिए ।

🚩जैसे उत्तराखंड सरकार ने प्रयास किया, गाय माता को "राष्ट्रमाता" दर्जा दिलाने के लिए ऐसे ही हर राज्य की सरकार और केंद्र सरकार को प्रयास करके गाय माता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलवाना चाहिए ।

🚩गौमाता की इतनी उपयोगिता और उसकी हत्या हो रही है उससे लगता है कि अब वक्त आ गया है कि सभी को मिलकर #गौ-माता को #राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाकर तन-मन-धन से इसकी रक्षा करनी चाहिए ।


मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय

सबसे आम और भयानक रूप लेने वाली समस्या है मोटापा। यह न केवल आपकी पर्सनालिटी को खराब करता है बल्कि हार्ट संबंधी रोग, थायरॉइड, लीवर आदि जैसी बड़ी बीमारियों की भी एक बड़ी वजह है। 

आजकल की दौड़भाग भरी ज़िन्दगी में लोग रोज़ी-रोटी के चक्कर में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपनी सेहत पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाते, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की स्वास्थ संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इनमें सबसे आम और भयानक रूप लेने वाली समस्या है मोटापा। यह न केवल आपकी पर्सनालिटी को खराब करता है बल्कि हार्ट संबंधी रोग, थायरॉइड, लीवर आदि जैसी बड़ी बीमारियों की भी एक बड़ी वजह है। मोटापा आपको केवल शारीरिक तौर पर हीं प्रभावित नहीं करता बल्कि आपको मानसिक रूप से भी क्षति पहुँचाता है क्यूंकि ज्यादा मोटापा बढ़ने से लोग धीरे-धीरे अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस खो देते हैं और हर वक़्त उनके दिमाग में यह सवाल घूमते रहता है कि मोटापा कैसे कम करें?

इसलिए बेहतर होगा कि आप मोटापे को शुरूआती दौर में हीं बढ़ने से रोक दें तथा कमर और पेट कम करने के उपाय अपनाएँ। हममें से बहुत से लोग मोटापा कम करने के लिए बाज़ार में उपलब्ध कई तरह के महँगे सप्लीमेंट्स और मोटापा कम करने की दवा आदि का इस्तेमाल करते हैं जिसका सेवन हमारे स्वास्थ के लिए बहुत हीं नुक़सानदेह होता है।

मोटापे के कारण:-


  1. अधिक मसालेदार एवं तेल युक्त भोजन का सेवन
  2. स्थिर जीवनशैली
  3. पर्याप्त नींद ना लेना
  4. आनुवांशिकता
  5. पूर्व चिकित्सा संबंधी समस्या
  6. शारीरिक परिश्रम न करना (निष्क्रिय रहना)
  7. मानसिक तनाव
  8. हार्मोन का असंतुलन
  9. मेटाबॉलिज़्म कम होना

  • मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय:-

किसी भी बीमारी में आयुर्वेदिक उपचार सबसे कारगर और अच्छा माना जाता है। आयुर्वेदिक उपचार की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इससे आपको किसी भी तरह का साइड-इफ़ेक्ट नहीं होता। कई आयुर्वेदिक उपाय मसलन जीरा और मोटापा आदि काफ़ी असरदार माने जाते हैं। 
अजवाइन का पानी न केवल मोटापा कम करता है बल्कि हमारे  शरीर की पाचन क्रिया को भी तंदरुस्त रखता है। मोटापे की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप 2 चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो कर रात भर छोड़ दें. अगली सुबह इस पानी को छान लें और उसमें थोड़ा शहद मिलाकर पी जाएं। नियमित रूप से ऐसा करने से आपको जल्द लाभ मिलेगा।

  • दालचीनी और शहद:-

 मोटापा कम करने के आयुर्वेदिक उपाय में दालचीनी शहद का मिश्रण बेहद कारगर है। दालचीनी एक ऐसा हर्ब है जो हमारे शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सामान्य कर वजन कम करने में मदद करता है। यह मिश्रण तैयार करने के लिए एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच दालचीनी मिलाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। आधे घंटे बाद इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं। सुबह के समय खाली पेट इसका आधा कप पी जाएं और शेष बचे पानी को फ्रीज में रख दें। रात को बिस्तर पर जाने से पहले बचे हुए पानी को पी जाएं।

  • नींबू का रस:-

मोटापा कम करने के घरेलू उपाय में नींबू सबसे आसान और बाहर हीं असरदार है। नींबू हमारे पाचन में सुधार कर, शरीर से अत्यधिक चर्बी को खत्म करता है। इस उपाय को करने के लिए एक गिलास पानी में 3 चम्मच नींबू का रस, एक चम्मच शहद और आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर डाल कर अच्छी तरह मिला लें। सुबह खाली पेट इसे पिएं, नियमित रूप  से इसका उपयोग करें जल्द लाभ मिलेगा।
करी पत्त्ता – करी पत्त्ता हमारे शरीर के अत्यधिक चर्बी को खत्म करने के साथ-साथ कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है। मोटापा घटाने के घरेलू उपाय के लिए आप रोज़ाना सुबह अपने भोजन में कम से कम 10 करी पत्त्ता जरूर शामिल करें।

  • ग्रीन टी :-

अनेक पोषक तत्वों से भरपूर ग्रीन टी मोटापा कम करने के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। रोज़ाना 3-4 कप ग्रीन टी का सेवन आपके लिए असरदार उपाय रहेगा।
जीरा और मोटापा – मोटापा कम करने के घरेलू नुस्खों में जीरा एक बहुत हीं बेहतरीन विकल्प है। जीरा हमारे शरीर से फालतू चर्बी खत्म करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाता है। जीरे का उपाय करने के लिए आप सबसे पहले एक लीटर  पानी लें और उसमेँ 2 चम्मच जीरा डालें। अब रात भर इसे ऐसे हीं छोड़ दें। अगली सुबह पानी छान कर पी जाएं। या फिर आप दही के साथ भी जीरा पाउडर का सेवन कर सकते हैं।
  

  • मोटापा कम करने के लिए व्यायाम

वज़न बढ़ने की एक वजह शारीरिक गतिविधियों का ना होना भी है। हमारा शरीर मशीन की तरह है जितना ज्यादा चलेगा उतना एक्टिव रहेगा, काम न होने पर इसमें ज़ंग लग जाता है.  व्यायाम करने से हमारे शरीर का फैट बर्न होता है और हम आंतरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं । वज़न बढ़ने की एक वजह शारीरिक गतिविधियों का ना होना भी है। हमारा शरीर मशीन की तरह है जितना ज्यादा चलेगा उतना एक्टिव रहेगा, काम न होने पर इसमें ज़ंग लग जाता है. इसलिए ज़रूरी है नियमित रूप से व्यायाम करने की इससे हमारे शरीर से फैट बर्न होता है और हम आंतरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं। दरअस्ल, व्यायाम ही मोटापा कम करने की दवा है।

सप्ताह में 150 – 300 मिनट तक व्यायाम करने की आवश्यकता होगी। अगर शरीर या वज़न में कोई परिवर्तन न दिखे तो आप व्यायाम के समय में वृद्धि करें।
हाई इंटेंसिटी वाले वर्कऑउट्स –  कम समय में तीव्र वर्कऑउट्स करने से हमारे शरीर पर जमा फैट धीरे-धीरे बर्न होने लगता है और हमारा मोटापा कम हो जाता है।
  • पैदल चलें – पैदल चलना मोटापा कम करने में बहुत हीं लाभदायक है इसीलिए  आप रोज़ाना कम से कम 20 मिनट तेज़ी से पैदल चलें।
  • रस्सी कूदें – रस्सी कूदना न केवल हमारे वज़न को कम करता है बल्कि हमारे स्वास्थ के लिहाज़ से भी अच्छा है। आप एक छलांग लगाने वाली रस्सी लें और उसकी मदद से कूदना शुरू करें.
  • स्विमिंग – मोटापा कम करने के लिए स्विमिंग बहुत हीं अच्छा वर्कआउट है। यह चर्बी कम करने के साथ-साथ फिटनेस भी बनाए रखता है।
  • डांस – डांस भी एक तरह का व्यायाम हीं है जिससे हम मोटापा घटाने का काम कर सकते हैं. आप रोज़ाना आधा घंटा डांस करें, इससे आपके शरीर का फैट बर्न होगा।

  • ज्यादा-से ज्यादा शारीरिक मेहनत करें।

अगर आप स्वयं व्यायाम नहीं कर पा रहें तो आप जिम जा सकते हैं, जहाँ ट्रेनर आपको आपके शरीर और वज़न के अनुसार व्यायाम सिखाएगा। लेकिन आप जिम नहीं जा सकते तो वज़न घटाने के लिए ऊपर दिए गए इन टिप्स की मदद ले सकते हैं.

  • मोटापा कम करने के लिए योगासन

योग न केवल व्यक्ति को शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखता है। अगर आप भी सोच रहे है कि मोटापा कैसे घटाएं? तो हम आपको बता दें कि योग एक ऐसा माध्यम है जिससे आप अपनी छोटी-बड़ी हर तरह की स्वास्थ सम्बन्धी समस्या  का समाधान पा सकते हैं। जितने भी फैट कम करने के उपाय हैं, उनमें उनमें योग व आसन सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।

  • कपालभाति

एक चटाई लें और सामान्य मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दाएँ पैर को बाएँ जांघ के ऊपर और बाएँ पैर को दाएँ जांघ के ऊपर रखें। इस आसान में बैठने के बाद साँस को बाहर छोड़ते हुए, पेट को अंदर धकेले। रोज़ाना सुबह 5 मिनट तक इस प्राणायाम को करें।

  • अनुलोम-विलोम

सामान्य मुद्रा में पालथी लगा कर बैठ जाएं। अब अपने दाएँ घुटने पर दाएँ हाथ को टिका लें। अब अपने बाएँ हाथ के अंगूठे से नाक के बाएँ छिद्र को बाधित कर दें  और दाएँ छिद्र से तेज़ साँस अंदर की तरफ लें। अब इसी प्रक्रिया को दूसरे भाग से भी करें। प्राणायाम की इस प्रक्रिया को दस से पंद्रह बार तक दोहराएँ।

  • नौकासन

इस आसान को करने के लिए सबसे पहले आप अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अब अपनी एड़ी और पंजे को मिलाएं, लेकिन ध्यान रहे कि आपके हाथ आपके शरीर में सटे रहें। अब धीरे-धीरे दोनों हाथ, गर्दन और पैरों को सामांतर उठाएँ जिससे आपके शरीर का पूरा भार आपके नितंब पर आ जाए। अब इसी अवस्था में 30 सेकंड तक रुकने के बाद वापस शरीर को नीचे की ओर लाएं। इस प्रक्रिया चार से पाँच बार दोहराएं।

  • बालासन

सबसे पहले आप वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब एक लम्बी साँस लेते हुए आगे की ओर ऐसे झुकें कि आपका सिर ज़मीन से और छाती आपकी जाँघों को छुएं। कुछ इसी अवस्था में बैठे रहने के बाद वापस अपनी स्थिति में आ जाएं। बालासन की प्रक्रिया को पांच बार दोहराएं।

अगर आप लम्बे समय से मोटापे से जूझ रहे हैं और आयुर्वेदिक उपचार, व्यायाम, योग आदि के इस्तेमाल से भी किसी तरह का लाभ नहीं मिल रहा तो एक बार डॉक्टर से जरूर जाँच करा लें। उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दिए गए  मोटापा कम करने के उपाय आपके लिए लाभकारी रहेंगे।


  • मोटापा कम करने के लिए डाइट

आमतौर पर ऐसी मान्यता होती है कि खाना छोड़ देने से व्यक्ति का मोटापा कम हो जाएगा जबकि ऐसा बिलकुल नहीं है। ऐसा करने से हम केवल शारीरिक तौर पर कमज़ोर होते हैं जरूरत है तो हमारे भोजन की कुछ ऐसी चीज़ें छोड़ने कि जो मोटापे को बढ़ावा देती हैं इसीलिए अगर आप भी मोटापा कम करने कि सोच रहे तो यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन-कौन सी चीज़ें न खाएं?


  • मोटापा कम करने में सहायक है यह स्पेशल चाय:-

एक चम्मच सूखा अदरक पाउडर, आधा चम्मच धनिया पाउडर, दो चम्मच गुड़, आधा चम्मच सौंफ, एक टी बैग और एक कप पानी। सौंफ को दो मिनट पानी में उबालिए और गर्म पानी में 1 मिनट के लिए टी बैग डालें। इससे फ्लेवर आ जाएगा। और चाय का स्वाद भी कुछ बदल जाएगा जो पीने में अच्छा लगेगा। आखिर में सारे पदार्थ इसमें मिला दें और गुड़ मिलाकर इसे घोलें। जब गुड़ मिल जाए तो स्वाद के साथ पीएं।

  •  क्या ना खाएं ?

मोटापा कम करना है तो आप मीठे भोजन का सेवन कम कर दें। आप खाने में चीनी के स्थान पर शहद लें।
चीज़ और  मक्खन जैसे दूध से बने उत्पादों का सेवन ना करें लेकिन आप गर्म दूध पी सकते हैं।
ठन्डे पेय का उपयोग ना करें इसकी जगह आप गर्म कॉफी या चाय ले सकते हैं।
ठंडा पानी पीने की जगह गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।
जंक फूड्स बिलकुल न खाएं। इसकी जगह आप अंकुरित अनाज का सेवन कर सकते हैं।
ऊपर दिए गए खाद्य-पदार्थों को छोड़ कर आप बाकि सब कुछ खा सकते हैं, लेकिन आपको कुछ और भी बातों का ध्यान रखने की आवश्यकता है। 
अक्सर मोटापा कम करने के उपाय की शुरुआत लोग अपने डाइट से करते हैं, लेकिन सही जानकारी के अभाव में वे गलत निर्णय लेने लग जाते हैं जिसका उल्टा परिणाम उनके स्वास्थ पर पड़ता है।

  1. ब्रेकफास्ट न छोड़ें
  2. सब्ज़ियों का भरपूर सेवन करें।
  3. कैलोरी फ्री पेय पदार्थों का उपयोग करें।
  4. भोजन के बीच में अंतर रखें।
  5. पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
  6. लम्बे समय तक भूखे न रहें।
  7. मोटापा कम करने के 50 आयुर्वेदिक उपाय

मोटापा कम करने के उपाय, घरेलू नुस्खे

1 : नींबू 

25 ग्राम नींबू के रस में 25 ग्राम शहद मिलाकर 100 ग्राम गर्म पानी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से मोटापा दूर होता है।
एक नींबू का रस प्रतिदिन सुबह गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से मोटापे की बीमारी दूर होती है।।
1 नींबू का रस 250 ग्राम पानी में मिलाकर थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह-शाम 1-2 महीने तक पीएं। इससे मोटापा दूर होता है।
नींबू का 25 ग्राम रस और करेला का रस 15 ग्राम मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा नष्ट होता है।
250 ग्राम पानी में 25 ग्राम नींबू का रस और 20 ग्राम शहद मिलाकर 2 से 3 महीने तक सेवन करने से अधिक चर्बी नष्ट होती है।
1-1 कप गर्म पीनी प्रतिदिन सुबह-शाम भोजन के बाद पीने से शरीर की चर्बी कम होती है। इसके सेवन से चर्बी कम होने के साथ-साथ गैस, कब्ज, कोलाइटिस (आंतों की सूजन) एमोबाइसिस और कीड़े भी नष्ट होते हैं।

2 : सेब और गाजर 

सेब और गाजर को बराबर मात्रा में कद्दूकस करके सुबह खाली पेट 200 ग्राम की मात्रा में खाने से वजन कम होता है और स्फूर्ति व सुन्दरता बढ़ती है। इसका सेवन करने के 2 घंटे बाद तक कुछ नहीं खाना चाहिए।

3 : मूली

मूली का चूर्ण 3 से 6 ग्राम शहद मिले पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से मोटापे की बीमारी से छुटकारा मिलता है।
मूली के 100-150 ग्राम रस में नींबू का रस मिलाकर दिन में 2 से 3 बार पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के बीजों का चूर्ण 6 ग्राम और ग्राम यवक्षार के साथ खाकर ऊपर से शहद और नींबू का रस मिला हुआ एक गिलास पानी पीने से शरीर की चर्बी घटती है।
6 ग्राम मूली के बीजों के चूर्ण को 20 ग्राम शहद में मिलाकर खाने और लगभग 20 ग्राम शहद का शर्बत बनाकर 40 दिनों तक पीने से मोटापा कम होता है।
मूली के चूर्ण को शहद में मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।

4 : मिश्री 

मिश्री, मोटी सौंफ और सुखा धनिया बराबर मात्रा में पीसकर एक चम्मच सुबह पानी के साथ लेने से अधिक चर्बी कम होकर मोटापा दूर होता है।

5 : चूना

बिना बुझा चूना 15 ग्राम पीसकर 250 ग्राम देशी घी में मिलाकर कपड़े में छानकर सुबह-शाम 6-6 ग्राम की मात्रा में चाटने से मोटापा कम होता है।

6 : सहजन 

सहजन के पेड़ के पत्ते का रस 3 चम्मच की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करने से त्वचा का ढीलापन दूर होता है और चर्बी की अधिकता कम होती है।

7 : शहद

120 से 240 ग्राम शहद 100 से 200 मिलीलीटर गुनगुना पानी के साथ दिन में 3 बार लेने से शरीर का थुलथुलापन दूर होता है।

8 : तुलसी

तुलसी के कोमल और ताजे पत्ते को पीसकर दही के साथ बच्चे को सेवन कराने से अधिक चर्बी बनना कम होता है।
तुलसी के पत्तों के 10 ग्राम रस को 100 ग्राम पानी में मिलाकर पीने से शरीर का ढीलापन व अधिक चर्बी नष्ट होती है।
तुलसी के पत्तों का रस 10 बूंद और शहद 2 चम्मच को 1 गिलास पानी में मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा कम होता है।

9 : बेर

बेर के पत्तों को पानी में काफी समय तक उबालकर पीने से चर्बी नष्ट होती है।

10 : टमाटर

टमाटर और प्याज में थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर खाना खाने से पहले सलाद के रूप में खाने से भूख कम लगती है और मोटापा कम होता है।

11 : त्रिफला

रात को सोने से पहले त्रिफला का चूर्ण 15 ग्राम की मात्रा में हल्के गर्म पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को छानकर शहद मिलाकर कुछ दिनों तक सेवन करें। इससे मोटापा जल्दी दूर होता है।
त्रिफला, त्रिकुटा, चित्रक, नागरमोथा और वायविंडग को मिलाकर काढ़ा में गुगुल को डालकर सेवन करें।
त्रिफले का चूर्ण शहद के साथ 10 ग्राम की मात्रा में दिन में 2 बार (सुबह और शाम) पीने से लाभ होता है।
2 चम्मच त्रिफला को 1 गिलास पानी में उबालकर इच्छानुसार मिश्री मिलाकर सेवन करने से मोटापा दूर होता है।
त्रिफला का चूर्ण और गिलोय का चूर्ण 1-1 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ चाटने से पेट का बढ़ना कम होता है।

12 : गिलोय

गिलोय, हरड़, बहेड़ा और आंवला मिलाकर काढ़ा बनाकर इसमें शुद्ध शिलाजीत मिलाकर खाने से मोटापा दूर होता है और पेट व कमर की अधिक चर्बी कम होती है।
गिलोय 3 ग्राम और त्रिफला 3 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह सुबह-शाम शहद के साथ चाटने से मोटापा कम होता है।
गिलोय, हरड़ और नागरमोथा बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह 1-1 चम्मच चूर्ण शहद के साथ दिन में 3 बार लेने से त्वचा का लटकना व अधिक चर्बी कम होता है।

13 : जौ

जौ का रस व शहद को त्रिफले के काढ़े में मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है।

14 : दही

दही को खाने से मोटापा कम होता है।

15 : छाछ

छाछ में कालानमक और अजवायन मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है।

16 : आलू

आलू को उबालकर गर्म रेत में सेंकर खाने से मोटापा दूर होता है।

17 : पालक

पालक के 25 ग्राम रस में गाजर का 50 ग्राम रस मिलाकर पीने से शरीर का फैट (चर्बी) समाप्त होती है। 50 ग्राम पालक के रस में 15 ग्राम नींबू का रस मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त होता है।

18 : पानी

भोजन से पहले 1 गिलास गुनगुना पानी पीने से भूख का अधिक लगना कम होता है और शरीर की चर्बी घटने लगती है।
बासी ठंडे पानी में शहद मिलाकर प्रतिदिन पीने से मोटापा में लाभ मिलता है।
250 ग्राम गुनगुने पानी में 1 नींबू का रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट पीना चाहिए। इससे अधिक चर्बी घटती है और त्वचा का ढीलापन दूर होता है।

19 : बबूल

बबूल के पत्तों को पानी के साथ पीसकर शरीर पर करने से त्वचा का ढीलापन दूर होकर मोटापा कम होता है।

20 : अनन्नास

प्रतिदिन अनन्नास खाने से स्थूलता नष्ट होती है क्योंकि अनन्नास चर्बी को नष्ट करता है।

21 : बेल

बेल के पत्ते और हरड़ बारीक पीसकर लगाने से मोटापा दूर होता है।

22 : परवल

परवल और चीते का काढ़ा बनाकर सौंफ और हींग का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से मोटापा कम होता है।

22 : ईसबगोल

ईसबगोल के नियमित सेवन करने से कोलेस्ट्राल नियंत्रित होता है और शरीर में अधिक चर्बी नहीं बनती।

23 : रस

फलों का रस बहुत उपयोगी है। मोटापा कम करने के लिए 6 से 8 महीने तक फलों का रस लेना लाभदायक होता है। इसके सेवन से किसी भी प्रकार के दुष्परिणामों का सामना नहीं करना पड़ता। 
फलों का रस कैलोरी को कम करता है जिससे स्वभाविक रूप से वसा कम हो जाती है। इससे शरीर का वजन और मोटापा कम होता है। 
गाजर, ककड़ी, पत्तागोभी, टमाटर, तरबूज, सेब व प्याज का रस फायदेमंद होता है।

24 ; अजवायन

अजवायन 20 ग्राम, सेंधानमक 20 ग्राम, जीरा 20 ग्राम और कालीमिर्च 20 ग्राम को कूटकर चूर्ण बना लें और यह चूर्ण प्रतिदिन सुबह खाली पेट छाछ के साथ पीएं। इससे शरीर की अधिक चर्बी नष्ट होती है।

25 :  करेलाकरेले के रस में 1 नींबू का रस मिलाकर सुबह सेवन करने से शरीर की चर्बी कम होती है।

26 : चावल

चावल का गर्म-गर्म मांड लगातार कुछ दिनों तक सेवन करने से मोटापा दूर होता है।



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