*कर्म बढ़िया होने चाहिये क्योकि वक्त किसी का नहीं होता* ..…....
, *बाजार में उन नोटों को भी कबाड़ के भाव बिकते देखा*......
*जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे।।।
*जरा सी बात से..*
*मतलब बदल जाते हैं,*
*उंगली उठे तो बेइज्जती👉🏼*
*और अंगूठा उठे तो तारीफ 👍🏻*
*और.. *अँगुठे से... अँगुली मिले तो लाजबाब👌🏽*
*यहि तो है.. जिंदगी का हिसाब* 👍👌
*कर्म बढ़िया होने चाहिये क्योकि वक्त किसी का नहीं होता* ..…....
, *बाजार में उन नोटों को भी कबाड़ के भाव बिकते देखा*......
*जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे।।।
*जरा सी बात से..*
*मतलब बदल जाते हैं,*
*उंगली उठे तो बेइज्जती👉🏼*
*और अंगूठा उठे तो तारीफ 👍🏻*
*और.. *अँगुठे से... अँगुली मिले तो लाजबाब👌🏽*
*यहि तो है.. जिंदगी का हिसाब* 👍👌
🙏 *सुप्रभात* 🙏
, *बाजार में उन नोटों को भी कबाड़ के भाव बिकते देखा*......
*जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे।।।
*जरा सी बात से..*
*मतलब बदल जाते हैं,*
*उंगली उठे तो बेइज्जती👉🏼*
*और अंगूठा उठे तो तारीफ 👍🏻*
*और.. *अँगुठे से... अँगुली मिले तो लाजबाब👌🏽*
*यहि तो है.. जिंदगी का हिसाब* 👍👌
*कर्म बढ़िया होने चाहिये क्योकि वक्त किसी का नहीं होता* ..…....
, *बाजार में उन नोटों को भी कबाड़ के भाव बिकते देखा*......
*जो कभी पूरा बाजार खरीदने की ताकत रखते थे।।।
*जरा सी बात से..*
*मतलब बदल जाते हैं,*
*उंगली उठे तो बेइज्जती👉🏼*
*और अंगूठा उठे तो तारीफ 👍🏻*
*और.. *अँगुठे से... अँगुली मिले तो लाजबाब👌🏽*
*यहि तो है.. जिंदगी का हिसाब* 👍👌
🙏 *सुप्रभात* 🙏
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