अद्भुत कथा है। एक सम्राट था । आकंठ चिंता में डूबा हुआ। राज्य की चिंता। राजस्व की चिंता। शत्रुओं की चिंता। वर्षा न हुई तो अकाल की चिंता। बारिश ज्यादा हो गई तो बाढ़ की चिंता। मूर्ख दरबरीयो की चिंता। और सबसे अधिक घर के भेदीयो की चिंता। कहीं सिंहासन न झटक लें । चिंताओं से पीछा छुड़ाने को पर्वतों की ओर निकल गया। जैसे आजकल पैसे वाले 'हिल स्टेशन' छुट्टी मनाने निकल जाते हैं।
लेकिन चिंताओं को छोड़कर भागना तो चिंता छोड़ कर भागने से भी ज्यादा मुश्किल है। राजा जंगल में भागा चला जा रहा था कि उसे बांसुरी के मोहक स्वर सुनाई दिये। पास जाकर देखा तो शीतल पहाड़ी झरने के पास, सघन वृक्षारोपण की छांह तले एक युवा चरवाहा बांसुरी बजा रहा था। मधुर सुरों से मुग्ध सम्राट बोला- तू तो ऐसा आनंदित हो रहा है जैसे तुझे कोई साम्राज्य मिल गया हो। चरवाहा हंसा, बोला- ईश्वर मुझ पर कृपा करें और मुझे साम्राज्य न दे लेकिन अभी तो मैं सम्राट हूं। साम्राज्य मिलने से कोई भी सम्राट नहीं रह जाता है।
सम्राट हैरान। परेशान सर्वर में पूछा- तू निर्धन कंगाल। किराए के पशु चरा रहा है। बंता तो सही कि तू कैसे सम्राट हुआ? चरवाहा बोला- संपत्ति से नहीं, स्वतंत्रता से व्यक्ति सम्राट होता है। मेरे पास तो कुछ भी नहीं, सिवा स्वयं के। मेरे पास मैं हूं और इससे बड़ी संपदा करता हो सकती है। सोचता हूं कि मेरे पास करता नहीं है जो सम्राट के पास है। इस धरती का सौंदर्य देखने को आंखें हैं। प्रेम करने के लिए हृदय है। सूरज मुझे और सम्राट को बराबर रोशनी देता है।। चांद की चांदनी मुझ पर भी उतनी ही बरसती हैं जितनी सम्राट पर। फूल मेरे लिए भी खिलते हैं। सम्राट भी मनपसंद भर पेट खाता है और मैं भी। सम्राट भी अपना तन ढकता है और मैं भी। लेकिन सम्राट के पास एक चीज ज्यादा है जो मेरे पास नहीं है।
सम्राट ने उत्सुकता से पूछा- क्या? चरवाहे ने कहा- चिंताएं। लेकिन चिंताओं से भगवान बचाए। लेकिन कुछ चीजें जो मेरे पास है वे सम्राट के पास नहीं है जैसे मेरी स्वतंत्रता, मेरी आत्मा, मेरा आनंद, मेरा संगीत। मेरे पास जो भी है मैं उसमें भरपूर आनंद उठाया हूं इसलिए मैं सम्राट हूं। सम्राट चरवाहे की बात सुनकर अश्रु भरे नेत्रों से बोला- सही कहा युवक। तुम असली सम्राट हो। कहानी खत्म, पैसा हजम।
अब आप ही बताइएगा हुजूर आला। करता आप सम्राट हैं? करता आप अपने मालिक हैं? करता आप वह हर काम कर सकते हैं जो करना चहाते हैं? करता आपको अपनी बात खुलकर कहने का हक है। जनाबे आली। अगर इनमें से एक भी प्रश्न का उत्तर 'हां' हैं तो आप सचमुच सम्राट हैं। और नहीं तो भाईसाब।इस दुनिया में करोड़ों- अरबों- खरबों इंसान और कीड़े मकोड़े रहते हैं। आप भी उनमें से ही एक हैं।
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