नशा मुक्त हो जीवन अपना
तन मन धन करता कौन खराब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
खुशियां छीने ये पल भर में,
ये झगड़ा मातम लाये घर घर में ,
ये जहर के कांटे बोते जीवन में,
पल भर में तोड़े सारे ख्वाब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
तम्बाकू के मीठे जहर में,
डूबे कितने इसके लहर में,
हर गांव-शहर में से विषगंगा,
और लायेगी कितने सैलाब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
काश! नशा मुक्त हो जीवन अपना,
सच हो सबका, अपना अपना,
‘प्रियतम‘ खुशियों की शहनाई बजे,
हर घर घर महके, खिले गुलाब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
धन्यवाद!
सन्दीप कुमार।
तन मन धन करता कौन खराब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
खुशियां छीने ये पल भर में,
ये झगड़ा मातम लाये घर घर में ,
ये जहर के कांटे बोते जीवन में,
पल भर में तोड़े सारे ख्वाब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
तम्बाकू के मीठे जहर में,
डूबे कितने इसके लहर में,
हर गांव-शहर में से विषगंगा,
और लायेगी कितने सैलाब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
काश! नशा मुक्त हो जीवन अपना,
सच हो सबका, अपना अपना,
‘प्रियतम‘ खुशियों की शहनाई बजे,
हर घर घर महके, खिले गुलाब ।
गुटखा बीड़ी सिगरेट और शराब ।।
धन्यवाद!
सन्दीप कुमार।
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