न जाने ये कैसी उम्मीद जगी है,
न जाने कब उसने दिल पे दस्तक दे दी है,
ऐ खुदा बस एक दुआ है तुझसे,
अगर वो है मेरी सच्ची मोहब्बत,
तो रहे हमेशा साथ मेरे...
कुछ अपने दिल वो बताये,
कुछ अपने दिल की हम सुनाएं,
यूं ही साथ उमर कट जाए
है आरज़ू यही कि...
कभी जुदा न हम हों पाएं।
टूट कर अब बिखर न जाऊं मै
इस जुदाई से मर न जाऊँ मै
अजनबी की तरह गुजरते है
बेरुखी छू के मर न जाऊं मैं।
यूँ न देखा करो निगाहों में
दिल मे गहरे उतर न जाऊँ मैं
अब तेरी याद आशियाना है
रह के इसमें गुजर न जाऊँ मैं
प्यार की राह मुश्किलें इतनी
बीच राहो में ड़र न जाऊँ मैं
हर दफा इन्तजार करती हूँ
इसमें रह ड़ूब कर न जाऊँ मैं
मेरे अश्कों पे होंट रख अपने
दर्दे दिल से ही भर न जाऊं मैं।
आज हद से करीब आये है
बेख़ुदी में सँवर न जाऊं मैं।
कुछ कदम साथ चल मेरे हमदम
जब तलक छू शिखर न जाऊँ मैं !!!यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के,
न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है।
तुमने तो बात करना ऐसे छोड़ दिया,,
♡♡♡
जैसे सदियो से बोझ थे हम तुम पर..!!
No comments:
Post a Comment