Account ID: pub-2276572159567559 Client ID: ca-pub-2276572159567559 Worldwide: Top stories Akbar Birbal Hindi Account ID: pub-2276572159567if559 Client ID: ca-pub-2276572159567559

About Me

My photo
Dear sir, Welcome You tube channel ( worldwide YouTube Channel) My name is Sandeep Kumar I am Graduate , Jaipur university, Rajasthan, India. I am leaving in Ahmedabad. I am Business man, my business name is GMR Enterprises. Thanks n Regards, Sandeep Kumar.

Worldwide

Account ID: pub-2276572159567559
Client ID: ca-pub-2276572159567559

Worldwide

Account ID: pub-2276572159567559
Client ID: ca-pub-2276572159567559

Thursday 23 August 2018

Top stories Akbar Birbal Hindi

अकबर बीरबल के 3 मजेदार किस्से Akbar Birbal Stories in Hindi

Akbar Birbal Stories in Hindi Kisseमुग़ल वंश के बादशाह और नसीरुद्दीन हुमायूँ के बेटे, जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर और उनके कहे जाने वाले नवरत्न में से एक रत्न बीरबल के किस्से काफी मशहूर हैं । बादशाह अकबर कई बार परेशानियों में फसने पर, या किसी गंभीर मुद्दे पर अपने सलाहकार मंत्री बीरबल की सहायता अवश्य लेते थे।

बीरबल ने सन 1528 से सन 1583 तक बादशाह अकबर के दरबार में एक विदूषक एवं सलाहकार बन कर सेवाएँ दी थी। बीरबल स्वभाव से बुद्धिशाली, और किसी भी समस्या का समाधान ढूँढने में निपुण थे। अकबर और बीरबल के अनगिनत किस्सो में से चुनिन्दा किस्से वार्ता स्वरूप दर्शाये हैं, जिसमे बीरबल के बुद्धिचातुर्य का वर्णन है।

इसे भी पढ़ें: अकबर बीरबल की 5 मजेदार कहानियां
तो आइये अकबर-बीरबल के किस्सों के रूप में प्रचलित ऐसी ही तीन चुनिंदा कहानियां देखते हैं:

Akbar Birbal Stories in Hindi With Moral

अकबर बीरबल के किस्से / Akbar Birbal Ke Kisse

  मोम का शेर

सर्दियों के दिन थे, अकबर का दरबार लगा हुआ था। तभी फारस के राजा का भेजा एक दूत दरबार में उपस्थित हुआ।

राजा को नीचा दिखाने के लिए फारस के राजा ने मोम से बना शेर का एक पुतला बनवाया था और उसे पिंजरे में बंद कर के दूत के हाथों अकबर को भिजवाया, और उन्हे चुनौती दी की इस शेर को पिंजरा खोले बिना बाहर निकाल कर दिखाएं।

बीरबल की अनुपस्थिति के कारण अकबर सोच पड़ गए की अब इस समस्या को कैसे सुलझाया जाए। अकबर ने सोचा कि अगर दी हुई चुनौती पार नहीं की गयी तो जग हसायी होगी। इतने में ही परम चतुर, ज्ञान गुणवान बीरबल आ गए। और उन्होने मामला हाथ में ले लिया।


बीरबल ने एक गरम सरिया मंगवाया और पिंजरे में कैद  मोम के शेर को पिंजरे में ही पिघला डाला। देखते-देखते मोम  पिघल कर बाहर निकल गया ।

अकबर अपने सलाहकार बीरबल की इस चतुराई से काफी प्रसन्न हुए और फारस के राजा ने फिर कभी अकबर को चुनौती नहीं दी।

Moral: बुद्धि के बल पर बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है.

Related: पंचतंत्र की कहानियों का इतिहास व प्रसिद्द कहानियां
बीरबल की खिचड़ी

Akbar Birbal Stories in Hindi
बीरबल की खिचड़ी
अकबर ने कडकड़ाती सर्दियों के मौसम में एक दिन यह ऐलान किया की अगर कोई व्यक्ति पूरी रात भर पानी के अंदर छाती तक डूब कर खड़ा रह पाएगा तो उसे 1000 मोहरों का इनाम दिया जाएगा। इस चुनौती को पार करना काफी कठिन था।

पर फिर भी एक गरीब ब्राह्मण अपनी बेटी के विवाह के लिए धन जोड़ने की खातिर तैयार हो गया। जैसे-तैसे कर के उसने कांपते, ठिठुरते रात निकाल ली। और सुबह बादशाह अकबर से अपना अर्जित इनाम मांगा। अकबर ने पूछा कि तुम इतनी सर्द रात में पानी के अंदर कैसे खड़े रह पाये।

ब्राह्मण ने कहा कि मैं दूर आप के किले के झरोखों पर जल रहे दिये का चिंतन कर कर के खड़ा रहा, और यह सोचता रहा कि वह दिया मेरे पास ही है। इस तरह रात बीत गयी। अकबर ने यह सुन कर तुरंत इनाम देने से माना कर दिया, और यह तर्क दिया की, उसी दिये की गर्मी से तुम पानी में रात भर खड़े रह सके। इसलिए तुम इनाम के हक़दार नहीं। ब्राह्मण रोता हुआ उदास हो कर चला गया।

बीरबल जानता था की ब्राह्मण के साथ यह अन्याय हुआ है। उसने ब्राह्मण का हक़ दिलवाने का निश्चय कर लिया।

अगले दिन अकबर और बीरबल वन में शिकार खेलने चले गए। दोपहर में बीरबल ने तिपाई लगायी और आग जला कर खिचड़ी पकाने लगा। अकबर सामने बैठे थे। बीरबल ने जानबूझ कर खिचड़ी का पात्र आग से काफी ऊंचा लटकाया। अकबर देख कर बोल पड़े कि अरे मूर्ख इतनी ऊपर बंधी हांडी को तपन कैसे मिलेगी हांडी को नीचे बांध वरना खिचड़ी नहीं पकेगी।

बीरबल ने कहा पकेगी… पकेगी… खिचड़ी पकेगी। आप धैर्य रखें। इस तरह दो पहर से शाम हो गयी, और अकबर लाल पीले हो गए और गुस्से में बोले,

बीरबल तू मेरा मज़ाक उड़ा रहा है? तुझे समझ नहीं आता? इतनी दूर तक आंच नहीं पहुंचेगी, हांडी नीचे लगा।
तब बीरबल ने कहा कि अगर इतनी सी दूरी से अग्नि खिचड़ी नहीं पका सकती तो उस ब्राह्मण को आप के किले के झरोखे पर जल रहे दिये से ऊर्जा केसे प्राप्त हुई होगी ?

यह सुनकर अकबर फौरन अपनी गलती समझ जाते हैं और अगले दिन ही गरीब ब्राह्मण को बुला कर उसे 1000 मोहरे दे देते हैं। और भरे दरबार में गलती बताने के बीरबल के इस तरीके की प्रसंशा करते हैं।

Moral: कभी किसी के साथ अन्याय नहीं करना चाहिए.

पढ़ें: शेख चिल्ली के 5 मजेदार किस्से
एक पेड़ दो मालिक

अकबर बादशाह दरबार लगा कर बैठे थे। तभी राघव और केशव नाम के दो व्यक्ति अपने घर के पास स्थित आम के पेड़ का मामला ले कर आए। दोनों व्यक्तियों का कहना था कि वे ही आम के पेड़ के असल मालिक हैं और दुसरा व्यक्ति झूठ बोल रहा है। चूँकि आम का पेड़ फलों से लदा होता है, इसलिए दोनों में से कोई उसपर से अपना दावा नहीं हटाना चाहता।

मामले की सच्चाई जानने के लिए अकबर राघव और केशव के आसपास रहने वाले लोगो के बयान सुनते हैं। पर कोई फायदा नहीं हो पाता है। सभी लोग कहते हैं कि दोनों ही पेड़ को पानी देते थे। और दोनों ही पेड़ के आसपास कई बार देखे जाते थे। पेड़ की निगरानी करने वाले चौकीदार के बयान से भी साफ नहीं हुआ की पेड़ का असली मालिक राघव है कि केशव है, क्योंकि राघव और केशव दोनों ही पेड़ की रखवाली करने के लिए चौकीदार को पैसे देते थे।

अंत में अकबर थक हार कर अपने चतुर सलाहकार मंत्री बीरबल की सहायता लेते हैं। बीरबल तुरंत ही मामले की जड़ पकड़ लेते है। पर उन्हे सबूत के साथ मामला साबित करना होता है कि कौन सा पक्ष सही है और कौन सा झूठा। इस लिए वह एक नाटक रचते हैं।

बीरबल आम के पेड़ की चौकीदारी करने वाले चौकीदार को एक रात अपने पास रोक लेते हैं। उसके बाद बीरबल उसी रात को अपने दो भरोसेमंद व्यक्तियों को अलग अलग राघव और केशव के घर “झूठे समाचार” के साथ भेज देते हैं। और समाचार देने के बाद छुप कर घर में होने वाली बातचीत सुनने का निर्देश देते हैं।

केशव के घर पहुंचा व्यक्ति बताता है कि आम के पेड़ के पास कुछ अज्ञात व्यक्ति पके हुए आम चुराने की फिराक में है। आप जा कर देख लीजिये। यह खबर देते वक्त केशव घर पर नहीं होता है, पर केशव के घर आते ही उसकी पत्नी यह खबर केशव को सुनाती है।

केशव बोलता है,  “हां… हां… सुन लिया अब खाना लगा। वैसे भी बादशाह के दरबार में अभी फेसला होना बाकी है… पता नही हमे मिलेगा कि नहीं। और खाली पेट चोरों से लड़ने की ताकत कहाँ से आएगी; वैसे भी चोरों के पास तो आजकल हथियार भी होते हैं।”

आदेश अनुसार “झूठा समाचार” पहुंचाने वाला व्यक्ति केशव की यह बात सुनकर बीरबल को बता देता है।

 राघव के घर पहुंचा व्यक्ति बताता है, “आप के आम के पेड़ के पास कुछ अज्ञात व्यक्ति पके हुए आम चुराने की फिराक में है। आप जा कर देख लीजियेगा।”

यह खबर देते वक्त राघव भी अपने घर पर नहीं होता है, पर राघव के घर आते ही उसकी पत्नी यह खबर राघव को सुनाती है।

राघव आव देखता है न ताव, फ़ौरन लाठी उठता है और पेड़ की ओर भागता है। उसकी पत्नी आवाज लगाती है, अरे खाना तो खा लो फिर जाना… राघव जवाब देता है कि… खाना भागा नहीं जाएगा पर हमारे आम के पेड़ से आम चोरी हो गए तो वह वापस नहीं आएंगे… इतना बोल कर राघव दौड़ता हुआ पेड़ के पास चला जाता है।

आदेश अनुसार “झूठा समाचार” पहुंचाने वाला व्यक्ति बीरबल को सारी बात बता देते हैं।

दूसरे दिन अकबर के दरबार में राघव और केशव को बुलाया जाता है। और बीरबल रात को किए हुए परीक्षण का वृतांत बादशाह अकबर को सुना देते हैं जिसमे भेजे गए दोनों व्यक्ति गवाही देते हैं। अकबर राघव को आम के पेड़ का मालिक घोषित करते हैं। और केशव को पेड़ पर झूठा दावा करने के लिए कडा दंड देते हैं। तथा मामले को बुद्धि पूर्वक, चतुराई से सुल्झाने के लिए बीरबल की प्रशंशा करते हैं।

सच ही तो है,  जो वक्ती परिश्रम कर के अपनी किसी वस्तु या संपत्ति का जतन करता है उसे उसकी परवाह अधिक होती है।

Moral: ठगी करने वाले व्यक्ति को अंत में दण्डित होना पड़ता है, इसलिए कभी किसी को धोखा ना दे

Akbar Birbal Stories in Hindi आपको कैसी लगीं? कृपया कमेंट के माध्यम से बताएं और यदि आप भी इनके कोई रोचक किस्से जानते हों तो हमें ज़रूर भेजे kumar.comsandeep@gmail.com,kumarbu.blogspot.com

Thanks!
Sandeep Kumar,
ये कहानियां बदलती हैं ज़िन्दगानियाँ




No comments:

Featured post

Safe- Saty Home -

Worldwide